डेबिट कार्ड (Debit Card) और क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का इस्तेमाल करनेवालों के लिए जरूरी खबर है. रिजर्व बैंक (RBI) ने कार्ड-ऑन-फाइल टोकनाइजेशन (CoF Card Tokenisation) नियम अमल में लाने का फैसला कर लिया है. हालांकि, इसे पहले भी लागू करने को लेकर तारीख जारी की गई थी. लेकिन फिर इसकी तारीख को आगे बढ़ा दिया गया. लेकिन रिजर्व बैंक का कहना है कि, टोकनाइजेशन सिस्टम के अमल में आने के बाद कार्डहोल्डर्स के पेमेंट करने के अनुभव में सुधार आएगा. इससे ट्रांजेक्शन पहले से ज्यादा सुरक्षित हो जाएंगे.

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बता दें, पहले ये नियम 1 जनवरी 2022 से लागू होनेवाला था. लेकिन विभिन्न पक्षों के मिले सुझाव के बाद इसे बढ़ाकर 30 जून 2022 कर दिया गया था. लेकिन अब इसे 30 सितंबर 2022 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. यानी 1 अक्टूबर 2022 से ये नियम लागू हो जाएगा.

आरबीआई अब इसकी डेडलाइन को बढ़ाने पर विचार नहीं कर रहा है. यानी अब पेमेंट कंपनियों को 30 सितंबर 2022 के बाद लोगों के क्रेडिट कार्ड (Credit Card) और डेबिट कार्ड (Debit Card) का डेटा मिटाना होगा.

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पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, बड़े मर्चेंट्स ने रिजर्व बैंक के टोकनाइजेशन के नए नियमों को पहले ही अपना लिया है. सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि, अब तक ग्राहकों को डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड के बदले 19.5 करोड़ टोकन जारी किए जा चुके हैं.

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क्या है टोकनाइजेशन

नए नियम के अनुसार, रिजर्व बैंक ने पेमेंट कंपनियों को ग्राहकों के क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड का डेटा स्टोर करने से मना किया है. पेमेंट कंपनियों को अब कार्ड के बदले एक वैकल्पिक कोड देना होगा, जिसे टोकन (Token) नाम दिया गया है. ये टोकन यूनिक होंगे और कई कार्ड के लिए एक ही टोकन से काम चल जाएगा. यह लागू हो जाने के बाद ऑनलाइन पेमेंट के लिए सीधे कार्ड का इस्तेमाल न कर यूनिक टोकन यूज करना होगा. रिजर्व बैंक का मानना है कि, इससे पेमेंट सुविधा से फ्रॉड के मामले कम हो जाएंगे. अभी कार्ड की जानकारियां लीक होने से फ्रॉड का रिस्क ज्यादा है.