Passive Smoking: वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, तंबाकू (Tobacco) के सेवन से पूरी दुनिया में हर साल करीब 80 लाख से ज्यादा लोग मौत का शिकार हो जाते हैं. आपने अक्सर तंबाकू पीने के नुकसान तो सुने होंगे, लेकिन आज हम न पीने के बावजूद होने वाले नुकसान के बारे में बताने वाले हैं. दरअसल, तंबाकू का सीधा उपयोग (Active Smoking) और किसी दूसरे के द्वारा तंबाकू के सेवन के दौरान उस वातावरण में रहना (Passive Smoking) कहलाता है.

सरल भाषा में कहें तो सिगरेट पीने वाले व्यक्ति को तो इसका नुकसान होता ही है, लेकिन उसके साथ खड़े रहने वाले व्यक्ति को भी नुकसान होता है. इसे ही पैसिव स्मोकिंग या सेकेंड हैंड स्मोकिंग (Second Hand Smoking) नाम से जाना जाता है. 

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पैसिव स्मोकिंग या सेकेंड हैंड स्मोकिंग भी एक्टिव स्मोकिंग की तरह ही खतरनाक होती है. इसकी चपेट में आने से लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (Lower Respiratory Tract Infection) और फेफड़ों से जुड़ी पांच बड़ी बीमारियों जैसे, अस्थमा, टीबी, निमोनिया और सीओपीडी का शिकार होने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए हमें पैसिव स्मोकिंग को लेकर भी बहुत सचेत रहना चाहिए. तो चलिए जानते हैं कि पैसिव स्मोकिंग की चपेट में आने से और क्या क्या खतरे हो सकते हैं.

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पैसिव स्मोकिंग या सेकेंड हैंड स्मोकिंग के चपेट में आने से होने वाले खतरे 

1- पैसिव स्मोकिंग या सेकेंड हैंड स्मोकिंग की चपेट में आने वाले  (नॉन स्मोकर) को भी कोरोनरी हार्ट डिजीज और स्ट्रोक का खतरा रहता है.

2- पैसिव स्मोकिंग के कारण भी दिल के दौरे की संभावना बनी रहती है.

3- रेगुलर पैसिव स्मोकिंग वाले वातावरण में रहने वाले लोग भी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं.

4- पैसिव स्मोकिंग  ब्लड में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन के लेवल को खत्म करने का काम करती है. जिसके कारण शरीर में तमाम दिक्कतें जन्म लेना शुरू कर देती हैं.

5- पैसिव स्मोकिंग चपेट में आने से साइनस कैंसर, गले, स्तन कैंसर, फेफड़ों के कार्य में कमी, और अन्य श्वसन रोगों के खतरे की संभावना कई गुणा तक बढ़ जाती है.

(नोटः ये जानकारी एक सामान्य सुझाव है. इसे किसी तरह के मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें. आप इसके लिए अपने डॉक्टरों से सलाह जरूर लें.)