स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता 106 वर्षीय श्याम सरन नेगी का शनिवार (5 नवंबर) सुबह हिमाचल प्रदेश के कल्पा में उनके पैतृक आवास पर निधन हो गया. दिलचस्प बात यह है कि मौत से दो दिन दिन पहले ही उन्होंने हिमाचल प्रदेश के 14वें विधानसभा चुनाव के लिए मतदान किया था.

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श्याम सरन नेगी ने स्वतंत्र देश में अपना पहला वोट 23 अक्टूबर 1951 को कल्पा मतदान केंद्र में डाला था, इससे वह देश के पहले मतदाता बने थे और उन्होंने इस साल 2 नवंबर को 34वीं बार वोट डाला जो उनका आखिरी वोट बन गया. श्याम सरन नेगी को इस उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सराहा था.

तब पीएम मोदी ने ट्वीट किया था, “यह सराहनीय है और युवा मतदाताओं को चुनाव में भाग लेने और हमारे लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए एक प्रेरणा के रूप में काम करना चाहिए.” 

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106 वर्षीय श्याम सरन नेगी ने दो नवंबर को डाक मतपत्र के जरिए मतदान किया था. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नेगी के निधन पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने ट्वीट कर कहा, “स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता और हमारे किन्नौर जिला से संबंध रखने वाले श्याम सरन नेगी जी के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ. ईश्वर से प्रार्थना है कि उनकी पुण्य आत्मा को शांति प्रदान करें. शोकग्रस्त परिवारजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं. ओम शांति!” किन्नौर के उपायुक्त अमनदीप गर्ग ने बताया कि नेगी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा.

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कौन थे श्याम सरन नेगी?

1 जुलाई 1917 को जन्में श्याम सरन नेगी हिमाचल प्रदेश के कल्पा में एक रिटायर्ड स्कूल टीचर थे, उन्होंने साल 1951 में हुए देश के पहले आम चुनाव में पहला वोट डाला था.  पूरे देश में मतदान फरवरी 1952 में हुआ था, लेकिन ख़राब मौसम के चलते हिमाचल प्रदेश में पांच महीने पहले ही मतदान करा लिया गया था. 

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श्याम सरन नेगी ने पहला वोट 25 अक्टूबर 1951 को डाला था. उन्होंने 1951 के बाद से हर आम चुनाव में मतदान किया है और माना जाता है कि वे भारत के सबसे पुराने मतदाता भी हैं. श्याम सरन नेगी एक हिंदी फिल्म सनम रे में भी गेस्ट अपीयरेंस में नजर आये थे.