18 दिसंबर 2023 की सुबह हर भारतीय के लिए खुशखबरी लेकर आई है. ऐसी खबर है कि भारत के मोस्ट वॉन्टेड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम कासकर (Dawood Ibrahim Kaskar) को किसी ने जहर दे दिया है और उसे कराची के एक अस्पताल में भर्ती किया गया है. हालांकि इस खबर से पाकिस्तान सरकार ने साफ इंकार किया है और पाकिस्तानी मीडिया भी इस बात से इंकार कर रही है लेकिन सोशल मीडिया पर ये खबर तेजी से फैल रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, दाऊद गैंग के पूर्व सदस्य ने कहा है कि दाऊद को एक बीमारी के कारण अस्पताल में प्रशासन के सख्त निगरानी में भर्ती किया है.

अब सही खबर क्या है ये तो नहीं पता लेकिन हर भारतीय चाहता है कि वो भारत सरकार के शिकंजे में हो. मगर ऐसा क्यों है? दाऊद इब्राहिम को लेकर हर भारतीय इतनी नफरत क्यों रखता है? चलिए आपको दाऊद इब्राहिम से जुड़ी अहम बातें बताते हैं.

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कौन है दाऊद इब्राहिम कासकर? (Dawood Ibrahim Kaskar)

26 दिसंबर 1955 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी के खेड़ में दाऊद इब्राहिम का जन्म हुआ था. दाऊद के पिता इब्राहिम कासकर मुंबई पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल के पद पर कार्यरत थे इसलिए वो अपने 12 बच्चे और पत्नी के साथ मुंबई के एक चॉल में रहते थे. दाऊद ने हाईस्कूल तक पढ़ाई की और फिर बीच में पढ़ाई छोड़कर छोटी-मोटी तस्करी करने लगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, दाऊद के पिता एक ईमानदार पुलिस कॉन्स्टेबल थे और जब उन्हें अपने बेटे के बारे में पता चला तो वो अक्सर दाऊद को मारते और समझाते कि ये सब गलत काम है. दाऊद के पास हमेशा पैसा रहता था और ये देखते हुए उसका भाई शबीर इब्राहिम कासकर भी उसके साथ काम करने लगा. शबीर और दाऊद हाजी मस्तान गैंग के लिए काम करते थे लेकिन मौका पाते मस्तान गैंग के लोगों ने उसके भाई शबीर को मरवा दिया.

साल 1984 में मुंबई पुलिस ने दाऊद के गुस्से का फायदा उठाया और उसे मस्तान गैंग के खिलाफ करके उस गैंग का खात्मा करवा दिया. लेकिन इसके बाद दाऊद का मुंबई में रहना मुश्किल हो गया तो वो दुबई भाग गया. 80 के दशक में दुबई में बैठकर दाऊद मुंबई पर राज करता था. छोटा राजन उसके साथ मिलकर डी-कंपनी मुंबई में चलाता था. डी कंपनी में सोने की स्मगलिंग, क्रिकेट में सट्टा, वेपन्स की हेरा-फेरी, चोरी-डकैती और फिरौती जैसे काम होते थे. साल 1991 में भारत ने विदेशी व्यापारियों को देश में निवेश करने की परमिशन दी और इसी दौरान कालाबाजारी पुरानी हो चुकी थी.

जापानी टीवी और चीनी रेडियो जैसी चीजें कानूनी तौर पर खरीदी जाने लगी और इसका फायदा डी-कंपनी ने उठाया. साल 1992 में बाबरी मस्जिद गिरने के बाद दाऊद ने इसका फायदा उठाया और 1993 में मुंबई में 13 बम ब्लास्ट करवाए जिसमें करीब 250 लोगों की मौत हुई. उस दौरान FBI और इंटरपोल ने डॉन को मोस्ट वॉन्टेड की लिस्ट में डाल दिया और गिरफ्तारी से बचने के लिए कई गैंग दुबई भाई और इसके बाद अब खबर है कि दाऊद पाकिस्तान के कराची में कई सालों से रह रहा है. हालांकि पाकिस्तान सरकार ने इस बात से हमेशा इंकार ही किया है.

दाऊद इब्राहिम की फैमिली (Dawood Ibrahim Family)

दाऊद इब्राहिम 12 भाई-बहन थे लेकिन दाऊद के मोस्ट वॉन्टेड डॉन घोषित होते ही कई भाई-बहनों ने देश छोड़ दिया, हालांकि हसीना पारकर और कुछ भाई मुंबई में रहे जिन्हें काफी चीजें सहनी पड़ीं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, दाऊद ने जुबीना जरीन के साथ शादी की थी लेकिन उन्होंने एक पाकिस्तानी महिला से भी शादी की, हालांकि इसकी कोई पुष्टि नहीं है. दाऊद के चार बच्चे मोइन, माहरुख, मारिया और महरीन इब्राहिम हैं और ये सभी पाकिस्तान में ही रहते हैं. दाऊद के ऊपर कई बॉलीवुड फिल्में भी बनी हैं जिसमें दाऊद के जीवन की कहानी दिखाई गई.

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