बीजेपी ने द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) को एनडीए की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर ऐलान किया है. द्रौपदी मुर्मू एक आदिवासी चेहरा हैं जिसे बीजेपी ने अपना उम्मीदवार घोषित किया है. द्रौपदी मुर्मू के सामने विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार जयंत सिन्हा की चुनौती होगी. लेकिन द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति बनना तय माना जा रहा है. बीजेपी ने कुछ खास कारणों से द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाने का फैसला किया है. जिसमें आगामी चुनाव सबसे बड़ा कारण है. क्योंकि, आदिवासी उम्मीदवार के जरिए बीजेपी कई राज्यों को साधने वाली है. इसलिए आदिवासी कार्ड को खेला गया है.

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द्रौपदी मुर्मू एक साफ छवी की नेता रही हैं. जिनका सियासी सफर काफी अच्छा रहा. उन्होंने अपनी राजनीतिक जीवन में काफी सफलता हासिल की है. चलिए 10 प्वाइंट में हम आपको द्रौपदी मुर्मू का सियासी सफर बताते हैं.

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1. द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा में हुआ था. वह ओडिशा में मयूरभंज जिले के कुसुमी ब्लॉक के उपरबेड़ा गांव के एक संथाल आदिवासी परिवार से आती हैं.

2. द्रौपदी मुर्मू दिवंगत बिरंची नारायण टुडू की बेटी हैं. मुर्मू की शादी श्याम चरम मुर्मू से हुई थी.

3. द्रौपदी मुर्मू ने अपना राजनीतिक सफर 1997 से शुरू किया था. तब वह सबसे पहले ओडिशा के राजरंगपुर जिले में पार्षद चुनी गईं.

4. मुर्मू बीजेपी की ओडिशा ईकाई की अनुसूचित जनजाति मोर्चा की उपाध्यक्ष भी बनी थीं.

5. द्रौपदी मुर्मू ने 2002 से 2009 तक और फिर 2013 में मयूरभंज के भाजपा जिलाध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया. ओडिशा में दो बार की बीजेपी विधायक रह चुकी हैं और वह नवीन पटनायक सरकार में कैबिनेट मंत्री भी थीं.

6. ओडिशा विधान सभा ने द्रौपदी मुर्मू को सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से उन्हें सम्मानित किया.

7. द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला राज्यपाल भी रह चुकी हैं.

8. द्रौपदी मुर्मू ने जीवन में आई हर बाधा का मुकाबला किया. पति और दो बेटों को खोने के बाद भी उनका संकल्प और मजबूत हुआ है.

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9. द्रौपदी मुर्मू को आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए काम करने का 20 वर्षों का अनुभव है और वे भाजपा के लिए बड़ा आदिवासी चेहरा हैं.

10. मुर्मू राजनीति में आने से पहले श्री अरविंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च, रायरंगपुर में मानद सहायक शिक्षक और सिंचाई विभाग में कनिष्ठ सहायक के रूप में काम कर चुकी थीं.