किडनी (Kidney) हमारे शरीर का सबसे जरूरी पार्ट है. यह मुख्य रूप से यूरिया, क्रिएटिनिन, एसिड जैसे नाइट्रोजनयुक्त वेस्ट मटेरियल उत्पादों से ब्लड को फिल्टर करने के लिए जिम्मेदार होती है. ये सभी टॉक्सिन्स हमारे ब्लैडर (Bladder) में जाते हैं और पेशाब करते समय बाहर निकल जाते हैं. लाखों लोग किडनी की कई तरह की बीमारियों के साथ रहते हैं और इनमें से ज्यादातर को इसका अंदाजा नहीं होता. यही वजह है कि किडनी की बीमारी को अक्सर साइलेंट किलर (Silent Killer) के रूप में जाना जाता है.

बॉडी के इस अहम अंग का अगर ध्यान नहीं रखा जाए तो परेशानी बढ़ सकती है. किडनी की अच्छी सेहत के लिए लाइफस्टाइल (Lifestyle) और खान-पान में बदलाव करना जरूरी है. ऑयली और जंक फूड का सेवन आपकी किडनी को फैटी कर सकता है, लगातार इस तरह की डाइट से किडनी पर अतिरिक्त दबाब पड़ता है और ये किडनी खराब होने का कारण बन सकती है.

जब हमारी किडनी ठीक ढंग से काम नहीं करती तो उसके हमारी बॉडी में संकेत दिखना शुरू हो जाते हैं. समय रहते इन लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है वरना परेशानी बढ़ सकती है.

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भूख में कमी आना

शरीर में विषाक्त पदार्थों और वेस्ट का संचय भी आपकी भूख को कम कर सकता है, जिससे वजन घटने लगता है. कम भूख का एक अन्य कारण सुबह जल्दी मतली और उल्टी भी हो सकती है. इस कारण व्यक्ति को हर समय पेट भरा हुआ महसूस होता है और कुछ खाने का मन नहीं करता. यह किडनी खराब होने का खतरनाक संकेत है, जिस पर किसी का ध्यान नहीं जाता.

भूख कम लगना और वजन कम होना

किडनी में खराबी आने पर भूख में कमी आ जाती है और मरीज का तेजी से वजन कम होने लगता है. इस परेशानी की वजह से मरीज को हमेशा पेट भरा हुआ महसूस होता है.

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पैरों में सूजन

किडनी शरीर से अपशिष्ट और अतिरिक्त सोडियम को फिल्टर करने में मदद करती है. जब किडनी ठीक से काम करना बंद कर देती है, तो शरीर में सोडियम जमा होने लगता है, जिससे पिंडलियों और टखनों में सूजन बढ़ जाती है. इस स्थिति को एडिमा कहते हैं. वैसे तो टॉक्सिक किडनी में आंखों और चेहरे में सूजन देखी जाती है, लेकिन इसके लक्षण सबसे ज्यादा हाथ, पैर और टखनों को प्रभावित करते हैं.

​कमजोरी और थकान महसूस होना

हर समय कमजोरी और थकान महसूस होना किडनी की समस्या के शुरूआती संकेत हैं. जैसे -जैसे किडनी की बीमारी गंभीर होती जाती है व्यक्ति पहले से ज्यादा कमजोर और थका हुआ महसूस करता है. यहां तक की थोड़ा चलना-फिरने में भी दिक्कत महसूस होती है. ऐसा किडनी में विषाक्त पदार्थों के जमा होने के कारण होता है.

नींद की कमी और बैचेनी होना

जिन लोगों को किडनी की समस्या होती है उनकी नींद का पैटर्न भी बिगड़ने लगता है. नींद की कमी होने की वजह से कई बार बैचेनी और घबराहट भी होती है.

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डिस्क्लेमर: ये जानकारी एक सामान्य सुझाव है. इसे किसी तरह के मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें. आप इसके लिए अपने डॉक्टरों से सलाह लें.