पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की मतगणना जारी है. नंदीग्राम सीट पर TMC सुप्रीमो ममता बनर्जी के सामने BJP के शुभेंदु अधिकारी की चुनौती है. ममता बनर्जी की पार्टी TMC रुझानों में बड़ी बढ़त बनाते हुए दिख रही है, लेकिन खुद ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट पर करीब 4000 वोट से पीछे चल रही हैं. 

अगर ममता बनर्जी नंदीग्राम से चुनाव हार भी जाती हैं तो भी वह मुख्यमंत्री पद संभाल सकती हैं. हालांकि ये हार उनके लिए व्यक्तिगत स्तर पर बहुत बड़ा झटका होगी.  

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बीजेपी ने ममता बनर्जी के खिलाफ उन्हीं के पूर्व सहयोगी शुभेंदु अधिकारी को चुनावी मैदान में उतारकर बड़ी चाल चली थी. ममता को भी अंदाजा था कि शुभेंदु के खिलाफ ये लड़ाई आसान नहीं होने वाली है. अभी तक आए आंकड़े भी इस बात की गवाही देते हैं.

ममता ने कई बार शुभेंदु अधिकारी को ‘बेईमान’ और ‘धोखेबाज’ जैसे शब्द भी कहे. बीजेपी ने कई बार ममता पर ये कहते हुए भी हमला बोला कि उनकी पार्टी के लोग उन्हें दो सीट से चुनाव लड़ने को कह रहे हैं, लेकिन वह एक सीट से ही चुनाव लड़ने की जिद्द पकड़े बैठी हैं. 

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ममता बनर्जी के हारने पर उनके पास क्या विकल्प होगा?

ममता बनर्जी अभी भी मुख्यमंत्री बन सकती हैं और उन्हें संविधान के अनुच्छेद 163-164 के अनुसार छह महीने की अंदर चुनाव लड़ने और विधानसभा का सदस्य बनने की जरुरत होगी.

मुख्यमंत्री का चुनाव विधानसभा में बहुमत का काम होता है. ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में बहुमत हासिल करते नजर आ रही है. ममता बनर्जी तृणमूल कांग्रेस की सर्वेसर्वा हैं और चुनाव के आधिकारिक नतीजे आने पर उनका सीएम बनना लगभग तय है. 

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