राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अपनी परंपरा में बदलाव करते हुए 5 अक्टूबर बुधवार को वार्षिक RSS विजयादशमी उत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में किसी महिला को आमंत्रित किया गया. पर्वतारोही संतोष यादव (Santosh Yadav) RSS के विजयादशमी समारोह में मुख्य अथिति बनने वाली पहली महिला हैं. आइए जानें कौन हैं संतोष यादव. 

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संतोष यादव एक पर्वतारोही हैं. उन्होंने दो बार माउंट एवरेस्ट फतह किया है. वह ऐसा करने वाली दुनिया की पहली महिला भी हैं. साथ ही वह कांगशुंग फेस से माउंट एवरेस्ट पर सफलतापूर्वक चढ़ाई करने वाली पहली महिला भी हैं. वह पहले मई 1992 में और फिर मई 1993 में एक इंडो-नेपाली टीम के साथ माउंट एवरेस्ट पर चढ़ी थीं. 

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संतोष यादव ने 1992 में अपने एक एवरेस्ट मिशन के दौरान एक अन्य पर्वतारोही मोहन सिंह के साथ अपना ऑक्सीजन साझा करके उनकी जान बचाई थी. उन्होंने एक और पर्वतारोही की मदद करने की कोशिश की जो साउथ कर्नल में फंस गया था, लेकिन वह उसे बचाने में असफल रहीं.

संतोष यादव का जन्म भारत के हरियाणा राज्य के रेवाड़ी जिले के जोनियावास गांव में पांच लड़कों के परिवार में छठी संतान के रूप में हुआ था. उन्होंने पहले एक स्थानीय गांव के स्कूल में पढ़ाई की और फिर दिल्ली चली गईं और वहां के एक स्कूल में दाखिला लिया. उन्होंने जयपुर के महारानी कॉलेज में पढ़ाई की, जहां उन्होंने अपने कमरे से पर्वतारोहियों को अरावली पर्वतमाला पर चढ़ते हुए देखा. इससे वह प्रेरित हुईं. 

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यादव ने 1992 में माउंट एवरेस्ट को फतह किया. उस समय उनकी उम्र मुश्किल से बीस वर्ष की थी. यह उपलब्धि हासिल करने वाली वो दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला बनीं. हालांकि, इस रिकॉर्ड को 13 वर्षीय मालवथ पूर्णा ने 2013 में तोड़ दिया.

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बारह महीनों के भीतर, वह एक इंडो-नेपाली महिला अभियान की सदस्य बन गईं और दूसरी बार एवरेस्ट फतह किया. इस तरह उन्होंने एवरेस्ट को फतह करने वाली पहली महिला के रूप में रिकॉर्ड स्थापित किया. वह भारत-तिब्बत सीमा पुलिस में एक अधिकारी के रूप में भी रहीं. संतोष यादव को 1994 में राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार और 2000 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था.