भारत में रेलवे को भारत देश की लाइफलाइन माना जाता है. भारतीय रेलवे में हर वर्ग के व्यक्ति के लिए यातायात का सुलभ और सस्ता साधन है.  भारत में वर्तमान में 7000 से ज्यादा रेलवे स्टेशन है. कई रेलवे स्टेशन अपनी खूबसूरती के लिए जाने जाते हैं तो कई अपने लंबे प्लेटफार्म और सफाई आदि के लिए जाने जाते हैं. ऐसे में कुछ स्टेशन ऐसे हैं जो अपनी यूनीक कार्य की वजह से जाने जाते हैं. चलिए जानते हैं कि भारत में कौन से ऐसे पांच यूनीक रेलवे स्टेशन है.

यह भी पढ़ें: वजन कम करने में है मामूली जीरा है मददगार, इस तरह करें डाइट में शामिल

1. नागपुर रेलवे स्टेशन

भारत के सबसे अलग और अनोखे रेलवे स्टेशन की लिस्ट में नागपुर रेलवे स्टेशन का नाम सबसे ऊपर आता है. इस रेलवे स्टेशन का एक हिस्सा महाराष्ट्र में है तो दूसरा हिस्सा गुजरात में है. इस वजह से नागपुर रेलवे स्टेशन को दो अलग-अलग राज्यों में बांटा गया दिखाया गया है. जहां रेलवे प्लेटफार्म से लेकर बेंच तक सभी चीजों पर महाराष्ट्र और गुजरात लिखा हुआ है. रेलवे स्टेशन पर घोषणाएं भी चार भाषाओं में हिंदी, अंग्रेजी, मराठी और गुजराती में की जाती है.

यह भी पढ़ें: क्या आपने नारी के साग का सेवन किया है अगर नहीं, तो जानें इसके फायदे

2. बिना नाम वाला रेलवे स्टेशन

क्या आपने कभी कोई ऐसा रेलवे स्टेशन सुना है क्या देखा है जिस पर किसी तरह का कोई नाम नहीं लिखा है. यह रेलवे स्टेशन बिना नाम के है जो बिना किसी नाम के पूरी तरह कार्यात्मक है. पश्चिम बंगाल के वर्धमान से 35 किलोमीटर की दूरी पर बांकुरा–मैसग्राम रेलवे लाइन पर मौजूद इस नाम रेलवे स्टेशन का निर्माण साल 2008 में किया गया. जिससे रैनागढ़ नाम दिया गया था. लेकिन रैना गांव के लोगों को रेलवे स्टेशन का यह नाम पसंद नहीं आया इसलिए उन्होंने रेलवे बोर्ड में स्टेशन का नाम बदलने की शिकायत की, फिर स्टेशन बोर्ड से रैनागढ नाम हटा दिया गया तब से यह रेलवे स्टेशन बिना नाम के ही चल रहा है.

यह भी पढ़ें: बादाम और खसखस को दूध में मिलाकर पीने से मिलते हैं यह 9 लाभ, आप भी जान लें

3. झारखंड का बेनाम स्टेशन

झारखंड की राजधानी रांची से टोरी जाने वाली ट्रेन भी एक बेनाम स्टेशन से होकर गुजरती है. यहां किसी भी प्रकार का कोई साइन बोर्ड भी देखने को नहीं मिलता. यह स्टेशन से 2011 में पहली बार ट्रेन का परिचालन हुआ, तो रेलवे ने इसका नाम बड़ंकीचांपी रखने का सोचा. लेकिन कमले गांव के लोगों का विरोध होने के बाद यह स्टेशन भी बेनाम ही रह गया. उन लोग का कहना है कि इस रेलवे स्टेशन को बनाने के लिए कमले गांव की जमीन और मजदूर लगे थे इसलिए इस गांव का नाम कमले स्टेशन होना चाहिए. इस प्रकार विवाद होने के कारण आज भी है स्टेशन पर कोई भी नाम नहीं दिया गया है.

यह भी पढ़ें: सर्दियों में स्किन प्रॉब्लम का बेहतर इलाज है चुकंदर, जानें इस्तेमाल करने का तरीका

4. इस जगह के लिए लेना पड़ता है वीजा

अगर आप अटारी रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़ना चाहते हैं क्या फिर स्टेशन पर उतरना चाहते हैं तो आपके पास वीजा होना चाहिए. भारत और पाकिस्तान की सीमा पर स्थित अमृतसर के अटारी रेलवे स्टेशन पर बिना वीजा के यात्रियों का आना-जाना सख्त मना है. इस स्टेशन पर 24 घंटे सुरक्षाबलों की निगरानी रहती है. ऐसे में अगर कोई व्यक्ति बिना वीजा के पकड़ा जाता है, तो उस पर 14 फोरन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाता है और उस व्यक्ति को कड़ी से कड़ी सजा भी हो सकती है.

यह भी पढ़ें: सर्दियों में घर पर करें कॉफी का फेशियल और घर पर पाएं पार्लर जैसा ग्लो

5. भवानी मंडी रेलवे स्टेशन

दिल्ली–मुंबई रेलवे लाइन पर स्थित भवानी मंडी रेलवे स्टेशन को दो अलग-अलग राज्यों से लिंक किया गया है. यह अनोखा रेलवे स्टेशन राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच बंटा हुआ है. जिसकी वजह से भवानी मंडी पर रुकने वाली हर ट्रेन का इंजन राजस्थान में होता है जबकि उसके डिब्बे मध्यप्रदेश की जमीन पर खड़े होते हैं. भवानी मंडी रेलवे स्टेशन के एक छोर पर राजस्थान का बोर्ड लगा हुआ है जबकि दूसरे छोर पर मध्य प्रदेश का बोर्ड लगाया गया है. दोनों राज्यों में बंटा होने की वजह से इस स्टेशन को भारत के सबसे अनोखे रेलवे स्टेशन में गिना जाता है, जो झालावाड़ जिले और कोटा संभाग के अंतर्गत स्थित है.