उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के दो लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव का रिजल्ट भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में रहा. उपचुनाव में बसपा (बहुजन समाज पार्टी) तीसरे नंबर पर रही है. लोकसभा में हार के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि आजमगढ़ (Azamgarh) की तरह वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में विशेष समुदाय को गुमराह होने से बचाना है. इस काम में कार्यकर्ता अभी से जुट जाएं.

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सोमवार को मायावती ने ट्वीट कर कहा, “बसपा के सभी छोटे-बड़े कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों तथा पार्टी प्रत्याशी श्री शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली आदि ने आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव जिस संघर्ष व दिलेरी के साथ लड़ा है .उसे आगे 2024 लोकसभा आमचुनाव तक जारी रखने के संकल्प के तहत चुनावी मुस्तैदी यथावत बनाये रखना भी ज़रूरी.”

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उन्होंने अगले ट्वीट में कहा, ” सिर्फ आजमगढ़ ही नहीं बल्कि बसपा की पूरे यूपी में 2024 लोकसभा आमचुनाव के लिए ज़मीनी तैयारी को वोट में बदलने हेतु भी संघर्ष व प्रयास लगातार जारी रखना है. इस क्रम में एक समुदाय विशेष को आगे होने वाले सभी चुनावों में गुमराह होने से बचाना भी बहुत ज़रूरी.”

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रविवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने दावा करते हुए कहा था कि भाजपा को हराने की जमीनी और सैद्धांतिक शक्ति सिर्फ बसपा के पास ही है.

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उन्होंने आगे कहा कि अधिकतर उपचुनावों को रूलिंग पार्टी ही जीत हासिल करती हैं.लेकिन इसके बाद भी आजमगढ़ उपचुनाव में बसपा ने जिस तरह से सपा और बीजेपी को टक्कर दी है. वो सराहनीय है. पार्टी के छोटे-बड़े सभी जिम्मेदार कार्यकताओं और लोगों को और अधिक मजबूती के साथ आगे बढ़ना है.

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आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी और भोजुपुरी सिनेमा के स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ ने जीत हासिल की है.आजमगढ़ में सियासी खेल काफी दिलचस्प रहा. बसपा ने आजमगढ़ में गुड्डू जामिल को मैदान में उतारकर मुस्लिम-दलित गठजोड़ का बड़ा दांव खेला था. वहीं, बीजेपी ने दिनेश लाल यादव को उतारकर सपा के यादव वोट बैंक में जबरदस्त सेंधमारी की. बसपा और बीजेपी की चक्रव्यू को तोड़ने के लिए सपा ने बदायूं के पूर्व सासंद धर्मेंद्र यादव पर अपना सिक्का खेला लेकिन नतीजे उसके मुताबिक नहीं रहे.