पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुडुचेरी समेत पांच राज्यों की कुल 822 विधानसभा सीटों पर आज यानी 2 मई को वोटों की गिनती हो रही है. पांच राज्यों के 2,364 सेंटर पर वोटो की गिनती होगी. पिछली बार काउंटिंग सेंटर की संख्या 1002 रही थी. कोरोना के चलते इस बार काउंटिंग सेंटर की संख्या बढ़ाई गई है. 

बता दें कि 29 मार्च को पश्चिम बंगाल में आखिरी चरण के मतदान के बाद आए एग्जिट पोल में पश्चिम बंगाल में TMC को आगे दिखाया गया था, पर काटें की टक्कर है. इसके अलावा असम में बीजेपी को आगे, तमिलनाडु में DMK गठबंधन, पुडुचेरी में बीजेपी गठबंधन और केरल में LDF सरकार की वापसी एग्जिट पोल में दिखाई गई है. 

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पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक 1,113, केरल में 633, असम में 331, तमिलनाडु में 256 और पुडुचेरी में 31 केन्द्र बनाए गए हैं. मतगणना केन्द्रों की संख्या बढ़ाने का एक और कारण पांचों विधानसभा चुनावों में उपयोग किये गए डाक मतपत्रों की संख्या का बढ़ना भी है.

आयोग ने कहा, ”चार राज्यों और एक केन्द्र शासित प्रदेश में वरिष्ठ नागरिकों (80 वर्ष से अधिक आयु के लोगों), दिव्यांगों और कोरोना वायरस संक्रमण से प्रभावित लोगों को डाक मतपत्रों की सुविधा प्रदान करने के चलते डाक मतपत्रों की संख्या में 400 प्रतिशत (2016 में 2.97 लाख से बढ़कर 2021 में 13.16 लाख) की वृद्धि हुई है.”

आयोग ने चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में मतगणना के लिये 822 निर्वाचन अधिकारियों और 7,000 से अधिक सहायक निर्वाचन अधिकारियों को नामित किया है.

मतगणना दिवस को लेकर आयोग द्वारा जारी नए दिशा-निर्देशों के अनुसार कोविड-19 नेगेटिव रिपोर्ट साथ लाए बिना किसी भी उम्मीदवार या उसके एजेंट को मतगणना कक्ष में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.

राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) से प्राप्त जानकारी के अनुसार चार राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों ने लगभग 1.5 लाख मतगणना एजेंटों और उनके विकल्पों का विवरण दिया है.

आयोग ने कहा कि किसी भी अधिकृत प्रयोगशाला की जांच रिपोर्ट स्वीकार्य होगी. देश भर में लोकसभा और विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनावों की मतगणना के दौरान भी इन्हीं नियमों का अनुसरण किया जाएगा.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्रा ने शनिवार को एक डिजिटल बैठक के जरिये चारों राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों और मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के साथ मतगणना व्यवस्था की समीक्षा की. उन्होंने आयोग के सभी नियमों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया.

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