कोरोनावायरस की वजह से 2 साल बाद अमरनाथ यात्रा (Amarnaath Yatra) की यात्रा एक बार फिर से शुरू हो गई है. यह यात्रा 30 जून से शुरू हुई है और 11 अगस्‍त तक चलेगी. यात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं के लिए अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने इस बार पुख्‍ता प्रबंध किए है.

बाबा बर्फानी के नाम से फेमस अमरनाथ धाम का इतिहास वर्षों पुराना है. बाबा अमरनाथ धाम के दर्शन करने के लिए प्रत्येक वर्ष श्रद्धालु दूर-दूर से यहां आते हैं.

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ये यात्रा कुल 43 दिनों की होगी. यात्रा के दौरान सभी श्रद्धालुओं को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना होगा. अमरनाथ यात्रा करने के लिए आपकी उम्र 13 साल से 75 साल के बीच होनी चाहिए. यदि कोई महिला 6 महीने से अधिक गर्भवती है. तो वह अमरनाथ यात्रा नहीं कर सकेंगी.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नियमों का पालन करने वाले ही भक्त बाबा बर्फानी के दर्शन कर पाएंगे. वैसे प्रत्येक दिन 10 हजार से अधिक यात्रियों के दर्शन करने का अनुमान है.

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एबीपी न्यूज़ के अनुसार, दुकानदारों और नागरिकों के लिए आरएफआईडी (RFID) टैग अनिवार्य है. प्रत्येक यात्री की लोकेशन ट्रैक की जाएगी. इसके अलावा यात्री का फोटो और मेडिकल सर्टिफिकेट जरूरी हैं.

अमरनाथ यात्रा के लिए सड़क मार्ग से आने वाले लोगों के लिए नए प्रतिबंध लगा दिए गए हैं. अब यात्रियों को दोपहर 3:30 बजे से पहले रामबन पार करना होगा. इस सीमा के बाद यात्रियों को आने वाले सभी वाहनो को चंद्रकोट में रोका जाएगा. यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है. परन्तु इसके चलते सड़क रास्ते से आने वालों लोगों को भी रोका जाएगा.

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यात्रियों को कोरोना टेस्ट से भी गुजरना होगा

अगर आप अमरनाथ यात्रा के लिए जा रहे हैं. तो आपको रैंडमली कोरोना टेस्टिंग करानी होगी. क्योकि जम्मू कश्मीर में दुबारा से करोना का कहर देखने को मिल रहा है, जिसके वजह से यह फैसला लिया गया है. यात्रियों की निगरानी के लिए ड्रोन की व्यवस्था की गई है.

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प्रशासन द्वारा तय किए गए नियम इस प्रकार हैं-

श्रीनगर के लिए 2 बजे के बाद आना-जाना बंद होगा.

दोपहर होते ही बेताब वेली भी बंद हो जाएगी.

आधार शिविर से सुबह पांच से आठ बजे ही शुरू करनी होगी यात्रा.

अगर आड़ू क्षेत्र में घूमने जाना है तो दोपहर तक लौटना होगा.

दोपहर के समय में होटल में पर्यटकों की उपस्थिति संचालक जांचेंगे