ओडिशा (Odisha) के पुरी में पिछले 2 वर्ष से भगवान जगन्‍नाथ की यात्रा (Jagannath Rath Yatra) निकाली जा रही थी. लेकिन कोविड-19 के कारण उतने धूमधाम से रथ यात्रा का उत्‍सव नहीं मनाया जा रहा था. लेकिन इस बार ये माना जा रहा है कि पूरे जोरशोर और पारंपर‍िक तौर-तरीकों से जगन्‍नाथ यात्रा निकाले जाने की तैयारी है. जगन्ना​थ रथ यात्रा आज (01 जुलाई) शुक्रवार से शुरू हो रही है.

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रथ यात्रा की सबसे दिव्य तस्वीर जब देखने को मिलती है, जब भगवान जगन्नाथ (Bhagwan Jagannath) अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ तीन रथों पर सवार होते हैं. तीनों के रथ अलग-अलग होते है और भारी भीड़ द्वारा खींचे जाते हैं. प्रत्येक वर्ष पर्यटक और भक्तों के द्वारा जुलाई के आसपास रथ यात्रा आयोजित की जाती है.

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क्यों निकाली जाती है रथयात्रा

पद्म पुराण के मुताबिक, भगवान जगन्नाथ की बहन सुभद्रा ने एक बार नगर देखने की इच्छा जाहिर की थी. जगन्नाथ जी और बलभद्र जी ने इच्छा को पूरा करने के लिए बहन सुभद्रा को रथ पर बैठाकर नगर दिखाने निकल पड़े. इस दौरान वे मौसी के घर गुंडिचा भी गए. वहां वे सात दिन रूके. उसी समय से ओडिशा के पुरी में रथयात्रा निकालने की परंपरा है.

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रथ यात्रा तिथि और समय

जगन्नाथ रथ यात्रा: शुक्रवार, 1 जुलाई 2022

द्वितीया तिथि शुरू: 30 जून, 2022 सुबह 10:49 बजे

द्वितीया तिथि समाप्त: जुलाई 01, 2022 01:09

रथ यात्रा की वापसी

गुंडीचा मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा जी 09 जुलाई तक रहेंगे और उस दिन ही वापसी यात्रा शुरु होगी.

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रथ यात्रा का महत्व

प्रभात खबर न्यूज़ के अनुसार, जगन्नाथ शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, जिसका जग का अर्थ है ब्रह्मांड और नाथ का अर्थ है भगवान, जो ‘ब्रह्मांड के भगवान’ हैं. प्रत्येक वर्ष भक्तों द्वारा रथ यात्रा निकाली जाती है. अलग-अलग तीन रथों पर सवार भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बलराम को पुरी की सड़कों से गुंडिचा मंदिर तक भक्तों द्वारा खींचा जाता है. मान्यता है कि यात्रा के समय अपने भगवान के रथों को खींचना भगवान की शुद्ध भक्ति में संलग्न होने का एक तरीका है. ऐसा करने से उन पापों को भी नष्ट कर देता है, जो गलती से किए हो. रथ के साथ भक्त ढोल की थाप की ध्वनि के साथ गीत और मंत्रों का जाप करते हैं .जगन्नाथ रथ यात्रा गुंडिचा यात्रा, दशावतार, नवदीना और रथ महोत्सव यात्रा के रूप में भी प्रसिद्ध है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.