कोरोना संक्रमण में एक्सपर्ट ने पहला हथियार मास्क को बताया है. वह ओमीक्रॉन वैरीअंट फैलने के दौरान एक्सपर्ट ने मास्क पहनने की सलाह दी है. पर सबसे बड़ा सवाल यह है कि कौन सा मांस पहनना जरूरी है. इसके बारे में कई आर्टिकल भी आ चुके हैं. दक्षिण अफ्रीका में ओमीक्रॉन की पहचान सबसे पहले की गई थी. यह बहुत कम समय में ही पूरी दुनिया में फैल गया. यह उन लोगों को भी आसानी से संक्रमित कर रहा है जिन्होंने वैक्सीन लगवा रखी है या जो पहले से संक्रमित हो चुके हैं. इसके फैलने की गति काफी तेज है.

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यह कितना खतरनाक है आप उसका अंदाजा लगा सकते हैं, कि कुछ समय पहले एक होटल में एक व्यक्ति ने दूसरे को संक्रमित कर दिया था, जबकि व्यक्ति किसी दूसरे कमरे में था और वह दोनों संपर्क में भी नहीं आए थे. यह गले पर हमला करता है इसलिए सभी को अपने मास्क का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है. एक्सपर्ट का भी यही मानना है कि कोरोना के कई वैरीअंट की तरह ओमीक्रॉन वैरिएंट से बचने का सबसे आसान उपाय मास्क का पहनना है. उनसे बचने के लिए कैसा मास्क पहनना चाहिए इसके बारे में एक जानकारी.

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मास्क के प्रकार

आमतौर पर दुनिया भर में 3 तरह के मास्क प्रयोग किए जा रहे हैं. N95 मास्क, सर्जिकल मास्क और कपड़े से बने मास्क एक्सपर्ट के मुताबिक हर मास्क किसी ना किसी तरह से कपड़े से ही बना होता है लेकिन यहां हम बात कर रहे हैं कपड़े का मटेरियल क्या है? मास्क किस मैटेरियल के कपड़े से बना हुआ है चलिए जानते हैं यह विशेष जानकारी.

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कपड़े का मास्क

पिछले साल जब दुनिया भर में N95 मस्क की कमी थी तो एक्सपोर्ट में कपड़े का मास्क लगाने की सलाह दी थी. इसलिए दुनिया भर के लोगों ने घरों पर ही कपड़े का मास्क बनाना और पहनना शुरू कर दिया था, ताकि वायरस नाक मुंह के संपर्क में ना आ सके और वायरस की चपेट में आने से बच सकें. कपड़े के मास्क आमतौर पर कॉटन के कपड़े का प्रयोग होता है. या ओमीक्रॉन वैरिएंट के खिलाफ ज्यादा सुरक्षा नहीं प्रदान कर पाता है.

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सर्जिकल मास्क

सर्जिकल मास्क का प्रयोग कुछ समय पहले तक डॉक्टर ऑपरेशन या ट्रीटमेंट के समय करते थे लेकिन कोरोना महामारी में एक्सपर्ट ने सर्जिकल मास्क का उपयोग करने की भी सलाह दी थी. यह कपड़े के मास्क से कुछ हद तक बेहतर है लेकिन यह अधिक सुरक्षा प्रदान नहीं कर पाता है.

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फिल्टरिंग फेसपीस मास्क

फिल्टरिंग फेसपीस मास्क आमतौर पर सैलूलोज या प्लास्टिक जैसी सामग्री से बने होते हैं और इनमें हाई क्वालिटी वाली फिल्टरिंग लेयर होती है जो विभिन्न वायरस को अंदर जाने से रोकती है. यह कई प्रकार के होते हैं जैसे– FFP 1–यह धूल जैसे मोटे कणों को रोकने में सक्षम होता है और इनका प्रयोग फैक्ट्री में काम करने वाले वर्कर करते हैं. यह सर्जिकल मांस से बेहतर लेकिन वायरस को रोकने में अधिक कारगर नहीं होता है.

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FFP–2 मास्क

यह मस्क N95 मास्क होते हैं जो लगभग 90% दूषित कणों को रोक या फिल्टर कर सकते हैं. कुछ देशों में इसे को95 या P2 के रूप में भी जाना जाता है. कुछ अध्ययन में यह बात सामने आई है कि N95 मास्क सर्जिकल मास्क की तुलना में 5 गुना अधिक सुरक्षा प्रदान कर सकता है.

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FFP–3 मास्क

भारत में इस मास्क को N99 कहा जाता है जो लगभग 99% दूषित करो को फिल्टर करता है. कई देशों में इसे EN149 या P3 के रूप में भी जाना जाता है. यह काफी प्रभावी माने जाते हैं और यह एयरोसोल के साथ वायरस और बैक्टीरिया को भी रोकने में मदद करते हैं.

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Omicron से बचने के लिए कौन सा पहने मास्क?

अक्टूबर 2021 में CDC द्वारा आखिरी गाइडलाइन अपडेट की गई थी. उसके मुताबिक सभी को कम से कम 2 लेयर वाला मास्क पहनना चाहिए और मास्क पहनते समय इस बात का ख्याल रखना चाहिए, कि नाक, मुंह और चिन पूरी तरह से ढके हुए हों. एक्सपर्ट के मुताबिक कपड़े का मास्क बनाने की तकनीक और फिटिंग सही नहीं रहती वह सिर्फ एयरोसोल को रोक सकते हैं लेकिन यह मास्क एयरोसोल से छोटे वायरस के कणों को नहीं रोक सकते यानी कि कपड़े के मास्क से 75% तक वायरस अंदर जा सकता है.

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सीडीसी के अनुसार N95 मास्क हवा के कणों को छानने में 95% प्रभावी होता है. इनकी फिटिंग अच्छी होती है वही सर्जिकल मास्क आमतौर पर N 95 की तुलना में 5 से 10% कम प्रभावी होते हैं और कपड़े के मास्क तो लगभग 50% तक ही प्रभावी होते हैं.

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लेकिन नवंबर 2021 में Omicron वैरिएंट के फैलने पर कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि ऐसा मास्क पहने जो मुंह और नाक के आसपास अच्छी तरह से फिट हो. एक साथ दो मास्क पहनना यानी सर्जिकल मास्क के ऊपर कपड़े का मास्क पहनना भी फायदेमंद साबित हो सकता है. डबल मास्क पहनना सिंगल मास की तुलना में 95% तक अधिक प्रभावी है.