अपने बच्चों का ध्यान यू तो मां बाप से ज्यादा कोई नही रख सकता है. पर कभी-कभी पैरेंट्स ही बच्चो की छोटी-छोटी समस्याओं पर ध्यान नहीं देते और बाद में वही समस्या एक गंभीर बीमारी का रूप ले लेती है. आज के दौर में यही हाल देखा जा सकता है. जहा बच्चे घंटो भर मोबाइल, लैपटॉप और टीवी में घुसे रहते हैं और फिर पैरेंट्स भी उनकी आंखों को हो रही समस्या को नज़रअंदाज़ कर देते है. बाद में इन्हीं बच्चो को कम उम्र में चश्मा लग जाता है.

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जब किसी इंसान को दूर रखी वस्तु को देखने में आंखों में धुंधलापन आता है. इस बीमारी को myopia कहते हैं और आजकल ये बीमारी कम उम्र के बच्चो में देखने को मिलती हैं. ‘डीडब्ल्यू डॉट कॉम’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, नीदरलैंड और चीन के हालिया अध्ययनों से पता चलता है कि कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन में ये देखा जा रहा है कि घर रहकर बच्चे अपना आधे से ज्यादा समय टीवी देखने या मोबाइल में वीडियो गेम खेलने में बिताते हैं. जिस वजह से उनकी आंखों पर बहुत दबाव बनता है और कम उम्र होने के कारण अपने शरीर में हो रहे बदलाव को बच्चे जल्दी से समझ नही पाते. इस वजह से वो Myopia नाम की बीमारी का शिकार हो जाते हैं.

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2020 में बीमारी ने पकड़ी गति

रिपोर्ट्स से पता चला कि 120,000 से अधिक चीनी स्कूली बच्चों के डेटा से पता चला है कि छह से आठ वर्ष की आयु के बच्चों में पिछले वर्षों में उनकी उम्र के बच्चों की तुलना में 2020 में मायोपिया होने की संभावना तीन गुना अधिक थी.

मायोपिया क्या है?

अगर, कोई ऑबजेक्ट 2 मीटर या 6.6 फीट की दूरी पर मौजूद है और वह हमें धुंधला दिखाई देता है. इसे ही myopia कहा जाता है और यदि छह से 10 वर्ष की आयु के बीच आईबॉल बहुत बढ़ जाता है, तो इसका मतलब है कि बच्चे को दूर की वस्तुओं को देखने में कठिनाई होती है. आंख के अंदर उच्च दबाव के कारण ये स्थिति आगे चलकर मोतियाबिंद, या अंधेपन के खतरे में बदल सकती है. 

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मायोपिया के कारण क्या हैं ?

ऐसा माना जा रहा है कि खराब लाइफस्टाइल इस गंभीर समस्या का एक बड़ा कारण है. असंतुलित आहार के कारण बच्चों के शरीर को वे पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं जिनकी उन्हें जरूरत होती है. मोबाइल, लैपटॉप और टीवी ने दैनिक दिनचर्या का एक बड़ा हिस्सा ले लिया है. ऐसे में मायोपिया को पैर फैलाने की जगह मिल जाती है.

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मायोपिया को कैसे पहचाने?

यदि कोई मायोपिया से पीड़ित है, तो उसे दूर की वस्तुओं को साफ देखने में कठिनाई होगी. इस दौरान आपको पास के काम जैसे पढ़ने और कंप्यूटर का इस्तेमाल करने में कोई परेशानी नहीं होगी. यानी अपकी पास की नजर बिल्कुल ठीक होगी मगर दूर की नजर में धुंधलापन होगा.

मायोपिया के सिंपटम्स?

मायोपिया में भेंगापन, आंखों में खिंचाव और सिरदर्द अन्य लक्षण शामिल हैं. गाड़ी चलाते समय या खेल खेलते समय थकान महसूस होना भी निकट दृष्टिदोष का लक्षण हो सकता है.

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मायोपिया होने पर कैसे बचें?

यदि आप चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस का उपयोग करने के बावजूद इन लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चहिए. क्योंकि देरी भविष्य के लिए हानिकारक हो सकती है.

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