कुछ लोग स्वाद के लिए तो कुछ सेहत के लिए अलग-अलग प्रकार के नॉनवेज फूड्स को खाते हैं. समय के मुताबिक लोगों की पसंद बदलती रहती है. नॉन वेजिटेरियन (NonVegetarian) लोगों के बीच रेड मीट बहुत लोकप्रिय है. देश में पिछले कुछ वर्षों से रेड मीट (Red Meat) का चलन अधिक बढ़ गया है और लोग उसे खाना पसंद भी करते हैं. लेकिन कई लोग इसे सेहत के लिए अच्छा तो कई लोग बुरा मानते हैं. इसी वजह से रेड मीट के शरीर पर पड़ने वाले असर को लेकर रिसर्च होती रहती हैं. तो चलिए हम आपको रेड मीट का सेवन करने से स्वास्थ्य (Health) पर पड़ने वाले असर पर हुई एक नई रिसर्च की जानकारी देंगे. इसके बाद आपकी रेड मीट को लेकर अधिक आशंकाएं दूर हो जाएंगी. 

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अमेरिका की एक रिसर्च टीम ने लाखों लोगों पर रिसर्च कर रेड मीट को लेकर अलग-अलग तरह की आशंकाओं को दूर करने की कोशिश की है.

रिसर्च में मिला ये परिणाम

अमेरिका स्थित इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (IHME) ने 180 इलाकों लोगों पर रिसर्च की. इसके बाद बताया कि अनप्रोसेस्ड रेड मीट को अधिक खाने से स्ट्रोक के साथ कोई स्ट्रांग संबंध नहीं पाया गया. इसका मतलब है कि यदि कोई इंसान अनप्रोसेस्ड रेड मीट को हर रोज खता है. तो इसका मतलब ये नहीं कि उसे स्ट्रोक का जोखिम होगा ही.

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इस रिसर्च टीम ने सब्जियों, रेड मीट और स्मोकिंग से शरीर पर पड़ने वाले अलग-अलग प्रभावों पर जांच की. इस दौरान मिले परिणामों को एक से पांच की रेटिंग में बांट दिया. आजतक न्यूज़ रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान रिसर्च टीम ने अधिक मात्रा में अनप्रोसेस्ड रेड मीट का सेवन करने से स्ट्रोक होने के खतरे को सिर्फ एक स्टार दिया गया, जिसका मतलब है कि रेड मीट का स्ट्रोक से कोई संबंध नहीं पाया गया.

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लेकिन रिसर्च में रेड मीट जैसी कई खानपान की चीजों के सेहत पर पड़ने वाले प्रभावों को केवल एक या दो स्टार रेटिंग ही मिली है, जिसका यह मतलब है कि इन चीजों की वजह से बीमारी बढ़ने के खतरे पर खास ठोस सबूत नहीं मिले हैं और ये लोगों की आम धारणाओं के विपरीत हैं.

(नोटः ये जानकारी एक सामान्य सुझाव है. इसे किसी तरह के मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें. आप इसके लिए अपने डॉक्टरों से सलाह जरूर लें.)