राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने बुधवार को बजट पेश किया. इस दौरान उन्होंने कई बड़ी अहम घोषणा की हैं. राज्य में सरकारी कर्मचारी लगातार पुरानी पेंशन (pension scheme) योजना को लागू करने की मांग करते रहे हैं. इस मांग को लेकर कई बार लोगों ने प्रदर्शन भी किए है. इसी के मद्देनजर सरकार ने बजट 2022 में पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने का भी ऐलान किया गया है.इसके बाद अब बाकी राज्यों में ये बड़ा मुद्दा बनने वाला है. सरकारी कर्मचारी बाकी राज्यों में अपनी सरकार से सामने ये मांग रखने वाले हैं.

इस योजना का ऐलान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी जानते हैं. सरकारी सेवाओं से जुड़े कर्मचारी भविष्य के प्रति सुरक्षित महसूस करें तभी वे सेवाकाल में सुशासन के लिए अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं.अतः 1 जनवरी 2004 और उसके पश्चात नियुक्त हुए समस्त कार्मिकों के लिए मैं आगामी वर्ष से पूर्व पेंशन योजना लागू करने की घोषणा करता हूं. साल 2004 में पुरानी पेंशन योजना को खत्म कर दिया गया था.

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आपको जानकारी के लिए बता दें कि पूर्व पेंशन योजना लागू होने के बाद रिटायर्ड होने पर अब कर्मचारियों को पूरी पेंशन मिलेगी. 2004 से पहले वाली पुरानी पेंशन प्रणाली फिर से लागू होगी. इसमें वेतन की आधी पेंशन मिलेगी. नए पेंशन में सरकारी कर्मचारी को खुद पैसा कटवाना होता था. अब पुरानी पेंशन बहाल होने से एक अप्रैल 2022 से संविदाकर्मियों की सैलरी 20 प्रतिशत बढ़ेगी.

अब उम्मीद लगाई जा रही है कि सरकार कुछ केंद्रीय कर्मचारियों को न्यू पेंशन योजना से पुरानी पेंशन योजना में ला सकती है. इस योजना में वह कर्मचारी शामिल होंगे जिन्होंने भर्ती के लिए 31 दिसंबर 2003 को या उससे पहले जारी किए गए थे. अब हम आपको बताएंगे कि नई और पुरानी पेंशन योजना के अंतर के बारे में.

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नई पेंशन स्कीम

जीपीएफ की सुविधा नहीं है.

निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं. यह पूरी तरह शेयर बाजार और बीमा कंपनियों पर निर्भर होगी

पारिवारिक पेंशन खत्म

रिटायरमेंट के बाद मेडिकल भत्ता बंद और मेडिकल बिलों की प्रतिपूर्ति नहीं होगी.

नई पेंशन स्कीम पूरी तरह शेयर बाजार पर पर आधारित, जो जोखिम पूर्ण है.

लोन की कोई सुविधा नहीं (विशेष परिस्थितियों में जटिल प्रक्रिया के बाद ही केवल तीन बार रिफंडेबल लिया जा सकता है)

नई पेंशन बीमा कंपनी देगी. यदि कोई समस्या आती है तो बीमा कंपनी से ही लड़ना पड़ेगा.

-वेतन से प्रतिमाह 10 फीसद कटौती.

महंगाई और वेतन आयोग का फायदा नहीं मिलेगा.

रिटायरमेंट पर अंशदान की जो 40 प्रतिशत राशि वापस मिलेगी, उस पर इनकम टैक्स लगेगा.

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पुरानी पेंशन स्कीम

जीपीएफ की सुविधा.

सरकार पूरी पेंशन देती है.

रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी (अंतिम वेतन के अनुसार) में 16.5 महीने का वेतन.

प्रत्येक 6 महीने बाद महंगाई भत्ता और जीपीएफ से लोन लेने की सुविधा.

पेंशन के लिए वेतन से कटौती नहीं.

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सेवाकाल में मृत्यु होने पर आश्रित को पारिवारिक पेंशन और नौकरी.

जीपीएफ निकासी (रिटायरमेंट के समय) पर कोई इनकम टैक्स नहीं.

सेवाकाल में मृत्यु पर डेथ ग्रच्युटी की सुविधा जो सातवें वेतन आयोग ने 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दी.

रिटायरमेंट के बाद मेडिकल भत्ता, रिटायरमेंट के बाद मेडिकल बिलों की प्रतिपूर्ति.

रिटायरमेंट पर निश्चित पेंशन यानी अंतिम वेतन का 50 फीसद गारंटी.

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