कोई भी सेवारत व्यक्ति रिटायर्मेंट (retirement) के बाद के जीवन को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना चाहता है. इसमें उसके लिये कर्मचारी भविष्य निधि यानि ईपीएफ (EPFO) सहायक होते हैं. कर्मचारी पेंशन योजना (Employee Pension Scheme) एक रिटायर्मेंट स्कीम है. इसे ईपीएफओ (EPFO) के द्वारा संचालित किया जाता है. यह स्किम संगठित क्षेत्र में काम कर चुके रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए है. जो 58 वर्ष की आयु में नौकरी से रिटायर्मेंट हो चुके हैं. अगर आपका अकाउंट (account) ईपीएफओ में है तो अब पीएफ अकाउंट पर भी टैक्स लगेगा.

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जानकारी के लिए बता दें कि प्रत्येक कर्मचारी की सैलरी का कुछ हिस्सा पीएफ खाते में सेव होता है. केंद्र सरकार अब पीएफ के नियमों में बदलाव करने जा रही है, 1 अप्रैल 2022 से मौजूदा पीएफ खातों को दो भागों में बांटा जा सकता है. जिसपर टैक्स भी लगेगा. आइए हम बताएंगे कि क्या है नए नियम और इसका आप पर क्या असर पड़ेगा.

गौरतलब है कि पिछले साल सरकार ने नए इनकम टैक्स Income Tax नियमों को नोटिफाई किया था. अब इसके तहत पीएफ खातों को दो भागों में बांटा जाएगा. इनमे सरकार को प्रत्येक साल 2.5 लाख रुपये से अधिक कर्मचारी योगदान के मामले में PF आय पर टैक्स लगाया जाएगा.नए नियमों का मकसद हाई इनकम वाले लोगों को सरकारी कल्याण योजना का लाभ लेने से रोकना है.

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पीएफ के नए नियम में ये है खास बातें

बता दें कि पीएफ खातों को कर योग्य और गैर-कर योग्य योगदान खातों में अलग किया जाएगा. नए पीएफ नियम 1 अप्रैल 2022 से लागू हो सकता हैं. आपको इसमें आपको खास बात दें कि ये है कि 2.5 लाख प्रत्येक वर्ष से ज्यादा के कर्मचारी योगदान से PF आय पर नया कर लगाने के लिए IT नियमों के तहत एक नई धारा 9डी डाली गई है. टैक्स योग्य ब्याज की गणना के लिए मौजूदा पीएफ खाते में दो अलग-अलग खाते भी बनाए जाएंगे.

छोटे और मध्यम वर्ग के करदाताओं पर नहीं पड़ेगा कोई असर

पीएफ के नए नियम लागू होने के बाद अधिकतर सब्सक्राइबर्स को 2.5 लाख रुपए की लिमिट का लाभ होगा, परन्तु नए नियम का छोटे और मध्यम वर्ग के करदाताओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा. यह नया नियम हाई इनकम वाले कर्मचारियों को प्रभावित करेगा. अगर कर्मचारी की सैलरी कम या औसत है. तो आपको इस नियम से कोई असर नहीं पड़ेगा.

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