आम बजट 2022 (Union Budget 2022) में कर दाताओं यानी की टैक्सपेयर्स के लिए बड़ा ऐलान नहीं किया गया है. जिससे टैक्सपेयर्स में थोड़ी मायूसी है. उन्हें पूरी उम्मीद थी कि चुनावी माहौल में उन्हें टैक्स स्लैब में फेरबदल का तोहफा मिल सकता है. स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन के रूप में 2.5 लाख से 3 लाख सरकार कर देगी. जिससे मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स को बहुत खुशी होती. लेकिन केंद्र सरकार ने ऐसी कोई भी राहत नहीं दी है. लेकिन टैक्सपेयर्स को दूसरे चीजों में कुछ राहत दी गई है जो आपको जरूर जान लेना चाहिए.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2022 में आयकर से जुड़ी कुछ रियायतें दी हैं, जा आम आदमी की जेब पर असर डालेगी.

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1. ITR सुधारने का मौका

अब आयकर विभाग ऐसी गलतियों को सुधारने का मौका देगा जिसमें ITR में आय का ठीक-ठीक आकलन करने में चूक हुई है. टैक्सपेयर्स को अतिरिक्त टैक्स अदा कर रिवाइज ITR भरने का मौका मिलेगा. यह ITR असेसमेंट वर्ष के अंत से दो साल के भीतर दाखिल किया जा सकता है.

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2. सहकारी समितियों को राहत

सहकारी समितियां 18.5 प्रतिशत दर पर टैक्स अदा करती है, जबकि कंपनियां 15 प्रतिशत की दर से टैक्स भरती है. लेकिन इस बार बजट में सहकारी समितियों और कंपनियों के बीच टैक्स बराबर कर दिया गया है. यानी अब सहकारी समितियां भी 15 प्रतिशत की दर से टैक्स भर पाएंगी. सहकारी समितियों के लिए अधिभार की दर भी मौजूदा 12 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत करने का प्रस्ताव इस बार बजट में किया गया है.

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3. दिव्यांगों के अभिभावक को राहत

मौजूदा नियमों के मुताबिक, दिव्यांक के माता पिता या अभिभावक को तभी टैक्स छूट का फायदा मिलता है जब दिव्यांग व्यक्ति के माता-पिता या अभिभावक की मृत्यु हो गई हो या 60 साल की उम्र पार करने पर. ऐसी परिस्थितियां भी हो सकती हैं जब दिव्यांग आश्रितों को उनके माता-पिता/अभिभावकों के जीवित रहने के दौरान भी प्रीमियम या एकमुश्त रकम के पेमेंट की जरूरत पड़े. इसलिए इस बार बजट में माता-पिता/अभिभावकों के जीवित रहते उनके 60 साल के होने पर प्रीमियम और एकमुश्त रकम की अदायगी की इजाजत देने का प्रस्ताव किया गया है.

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4. राज्य कर्मचारियों को राहत

सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) टियर-1 में अपने कर्मचारियों के वेतन में 14 प्रतिशत का योगदान करती है. लेकिन राज्य कर्मचारियों के मामले में ऐसी कटौती वेतन के 10 प्रतिशत की सीमा तक ही स्वीकृत है. अब राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी एनपीएस खाते में नियोक्ता के योगदान पर कर कटौती सीमा को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है.

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