कर्मचारी पेंशन योजना (Employee Pension Scheme) एक रिटायर्मेंट स्कीम है, इसे ईपीएफओ (EPFO) के द्वारा संचालित किया जाता है. यह स्किम संगठित क्षेत्र में काम कर चुके रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए है. जो 58 वर्ष की आयु में नौकरी से रिटायर्मेंट हो चुके हैं.कर्मचारी पेंशन योजना के बजट 2021 में प्रोविडेंट फंड के कंट्रीब्यूशन को लेकर नियमों में बदलाव किया गया है.अब प्रत्येक वर्ष 2.5 लाख रुपए से ऊपर के कंट्रीब्यूशन पर जो ब्याज प्राप्त होगी. सरकार उस पर टैक्स लेगी. प्रोविडेंट फंड बिलकुल टैक्स फ्री नहीं है. ईपीएफओ के कुछ नियम के अनुसार, जिनमे कुछ तय शर्तों के साथ ही प्रोविडेंट फंड विड्रॉल होता है.

यह भी पढ़ें: आप भी करोड़पति बनने के सपने देख रहे हैं? तो जरूरी है ये दो काम

कंट्रीब्यूशन पर टैक्स पहली बार लगा है लेकिन निकासी यानि विड्रॉल पर पहले भी टैक्स लगता रहा है. आपको जानकारी के लिए बता दें कि सबसे अधिक आम नौकरीपेशा को परेशानी होती है कर्मचारी पेंशन योजना से. क्योकिं इसके नियम पूरी तरह अलग हैं.नौकरी करने वालों के लिए Provident fund एक बढ़िया सेविंग स्कीम है. इसमें टैक्स छूट के अलावा अच्छा रिटर्न मिलता है और रिटायरमेंट के लिए बड़ा कॉरपस तैयार होता है. एंप्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) में दो तरह की स्कीमों में आपका पैसा जमा होता है.पहला प्रोविडेंट फंड और दूसरा पेंशन फंड होता है.

यह भी पढ़ें: Post Office Scheme: सीनियर सिटीजन, KVP और NSC सेविंग स्कीम में मिल रहा ये खास ऑफर, पढ़ें पूरी डीटेल

प्रोविडेंट फण्ड

महीने में तनख्वा पाने वाले लोगो के लिए बनायी गयी एक लाभदायक योजना है. आप इसे नौकरीपेशा लोगो का रिटायरमेंट प्लान भी कह सकते हैं। यह योजना , EPFO (Employees Provident Fund Organisation of India) द्वारा चलाया जाता है.

पेंशन फंड

कर्मचारी पेंशन योजना एक ऐसी स्किम है जो कर्मचारियों को प्राप्त पेंशन का भुगतान करती है. यह स्किम विशेष रूप से उन कर्मचारियों के लिए उपलब्ध है जो ईपीएफओ (EPFO) के सदस्य हैं और उन लोगों के लिए भी जिन्होंने ईपीएस (EPS) खाते में अपना योगदान दिया है.

कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12 प्रतिशत हिस्सा उसकी सैलरी से काटा जाता है. साथ ही इतना ही योगदान कंपनी की ओर से दिया जाता है. कर्मचारी का पूरा 12 प्रतिशत पेंशन फंड में जमा हो जाता है.वहीं, कंपनी के हिस्से को दो टुकड़ों में डाला जाता है. पहला 3.67% EPF में जमा होता है और बाकी 8.33 फीसदी हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना EPS में जमा हो जाता है.

यह भी पढ़ें: EPFO ने नवंबर 2021 में जोड़े 13.95 लाख सब्सक्राइबर्स, अक्टूबर की तुलना में 25 फीसदी का इजाफा

प्रोविडेंट फंड के नियम

ईपीएफओ के नियमों के अनुसार, उच्च शिक्षा, बच्चे की शादी और घर खरीदने के लिए आंशिक निकासी की जा सकती है.

इसमें नौकरी छोड़ने के एक महीने बाद ही सदस्य 75 प्रतिशत पैसे निकाल सकते है. इसके 2 महीने बाद बचा हुआ 25 प्रतिशत हिस्सा भी निकाला जा सकता है. जानकारी के लिए बता दें कि पहले नौकरी छोड़ने या बेरोजगार होने की स्थिति में 2 माह बाद ही PF निकाला जा सकता था.अगर आप EPF के पैसे निकालने चाहते है तो कभी भी अपने अकाउंट में जमा पैसे को निकाल सकते है.

यह भी पढ़ें: रिटायरमेंट अभी से करें प्लान, रोजाना 50 रुपये के इनवेस्ट पर मिलेंगे 34 लाख

अगर आपकी नौकरी 6 महीने की हो या 10 साल की. लेकिन पेंशन के पैसे को निकालते समय आपको परशानी हो सकती है. क्योंकि, इसके बहुत से नियम हैं, जो आपको समझने चाहिए. आइये जानते हैं अलग-अलग स्थिति में पेंशन की रकम का क्या कर सकते हैं?

PF ट्रांसफर करने की स्थिति में पेंशन का क्या होगा?

अगर आप अपना प्रोविडेंट फंड (PF) एक खाते से दूसरे खाता में ट्रांसफर करते हैं, तो आपकी चाहे जितनी भी सर्विस हिस्ट्री हो, आप पेंशन की रकम को कभी भी किसी हालत में नहीं निकाल पाएंगे. क्योंकि, ट्रांसफर किए हुए खाते में से केवल पीएफ की रकम ट्रांसफर होती है और आप केवल PF का पैसा ही निकाल सकते हैं.पेंशन की रकम को आपकी सर्विस हिस्ट्री से जोड़ दिया जाता है. मतलब यह कि अगर अलग-अलग जगह नौकरी करते हुए भी आपकी सर्विस हिस्ट्री 10 साल की हो जाती है तो आप पेंशन के लिए हकदार बन जाएंगे और 58 साल की उम्र होने पर आपको मासिक पेंशन के रूप में कुछ वेतन मिलने लगेगा.

यह भी पढ़ें: EPS पेंशनर्स के लिए खुशखबरी! पेंशन के लिए नहीं करना पड़ेगा इंतजार

6 महीने से कम की हो नौकरी तो क्या पेंशन का पैसा निकाल सकते हैं?

आपको बता दें कि अगर आपकी नौकरी 6 महीने से कम की है. तो भी आप सिर्फ PF की रकम ही निकाल पाएंगे. लेकिन, पेंशन में जमा रकम आपको नहीं मिलेगी.क्योंकि EPFO के नियम मुताबिक 180 दिन की कम ड्यूटी की सर्विस में पेंशन का पैसा नहीं निकाल सकते.

9 साल 6 महीने से अधिक हो नौकरी तो क्या पेंशन की रकम निकाल सकते हैं?

अगर आपकी नौकरी 9 साल 6 महीने से अधिक हो चुकी है. तो आप अपने PF के साथ पेंशन की रकम नहीं निकाल पाएंगे. क्योंकि, 9 साल 6 महीने की सर्विस को 10 साल के बराबर माना जाता है EPFO के नियमों के अनुसार, अगर आपकी नौकरी 10 वर्ष की हो जाती है तो आपको पेंशन मिल सकती है इसके बाद आपको 58 साल की उम्र में मासिक पेंशन का फायदा मिलना शुरू होगा. आपको आजीवन पेंशन तो मिलेगी, लेकिन पेंशन का हिस्सा रिटायरमेंट से पहले नहीं निकाल पाएंगे.

यह भी पढ़ें: EPFO ने नवंबर 2021 में जोड़े 13.95 लाख सब्सक्राइबर्स, अक्टूबर की तुलना में 25 फीसदी का इजाफा

जानिए पेंशन का पैसा कब और कैसे निकाल सकते हैं

आपकी नौकरी 6 महीने से अधिक और 9 साल 6 महीने से कम है तो आप Form 19 और 10c जमा करके अपने पीएफ के पैसे के साथ पेंशन की रकम भी निकाल सकते हैं.इसके लिए आपको आपको मैनुअल तरीके से ही पीएफ ऑफिस में आवेदन करना होगा. बता दें कि फॉर्म भरने के बाद इन्हें एम्प्लॉयर यानी EPFO के कार्यालय में ही जमा करना होगा.

निकासी के बाद क्या रिटायरमेंट पर मिलेगी पेंशन?

अगर आप 9 साल 6 महीने से कम की स्थिति में पेंशन की रकम को निकालते है तो इसके बाद आप पेंशन के लिए हकदार नहीं होंगे. क्योंकि PF के साथ पेंशन का पैसा निकालने का मतलब है Full & Final PF settlement और ऐसे मामलों में आपका वह PF अकाउंट नंबर पूरी तरह से बंद कर दिया जाता है. इसी वजह से आप अपने रिटायरमेंट के लिए पेंशन सुविधा का फायदा नहीं ले सकते.

यह भी पढ़ें: UMANG App के जरिये इस तरीके से घर बैठे निकाल सकते हैं PF का पैसा, पढ़िए पूरा प्रोसेस