भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों से 30 सितंबर तक बाकी सभी शाखाओं में इमेज़ आधारित चेक ट्रंकेशन (काट-छांट) प्रणाली (CTS) को लागू करने को कहा है. इस कदम से चेकों का समाशोधन तेजी से हो सकेगा और ग्राहक सेवाओं में सुधार होगा.

अब भी 18,000 बैंक शाखाएं ऐसी हैं जो औपचारिक चेक समाशोधन या क्लियरिंग प्रणाली से अलग हैं. चेक की छवि पर आधारित समाशोधन प्रणाली में चेकों को भौतिक रूप से एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने की जरूरत कम या खत्म हो जाती है.

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रिजर्व बैंक ने पिछले महीने अखिल भारतीय स्तर पर सीटीएस को लागू करने की घोषणा की थी. इसके तहत सभी बैंक शाखाओं को इमेज आधरित समाशोधन व्यवस्था के तहत लाया जाएगा.

सीटीएस का इस्तेमाल 2010 से हो रहा है. अभी 1,50,000 बैंक शाखाएं इसके तहत आती हैं. सभी पूर्ववर्ती 1,219 समाशोधन केंद्र (ईसीसीएस केंद्र) सितंबर, 2020 से सीटीएस के तहत स्थानांतरित हो गए हैं.

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रिजर्व बैंक ने कहा कि यह देखने में आया है कि कई बैंक शाखाएं अब भी औपचारिक समाशोधन व्यवस्था से बाहर हैं. उनके ग्राहकों को इसकी वजह से काफी परेशानी होती है. उनका चेक निकलने में अधिक समय लगता है.

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रिजर्व बैंक के सर्कुलर में कहा गया है कि सीटीएस की उपलब्धता के इस्तेमाल तथा सभी ग्राहकों को समान अनुभव प्रदान करने के लिए सीटीएस को देशभर में सभी बैंक शाखाओं में लागू करने का फैसला किया गया है.

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इसके तहत बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि 30 सितंबर, 2021 तक उसकी शाखाएं इमेज आधारित सीटीएस प्रणाली के तहत आ जाएं. इसके लिए बैंक कोई भी मॉडल अपनाने को स्वतंत्र होंगे. बैंक इसके लिए प्रत्येक शाखा में उचित ढांचा लगा सकते हैं या फिर हब या स्पोक मॉडल का इस्तेमाल कर सकते हैं.