देश में मंहगाई पहले से ही चरम पर हैं. वहीं, आम आदमी की जेब पर अब रिजर्व बैंक का फैसला भारी पड़ने वाला है. क्योंकि, महंगाई से निपटने के लिए रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में बढ़ोतरी की है. आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने 30 सितंबर को ऐलान करते हुए रेपो रेट में 0.50 प्रतीशत की बढ़ोतरी की है. इसके साथ ही देश में रेपो रेट बढ़कर 5.90 प्रतीशत पहुंच गया है. मई 2022 से ये चौथी बार है जब रेपो रेट में इजाफा किया गया है और इतने समय में 1.90 प्रतीशत रेपो रेट में बढ़ोतरी की गई है. रेपो रेट बढ़ने से बैंक कर्ज पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है. क्योंकि, रेपो रेट बढ़ने के बाद से बैंक अपने कर्ज को महंगा करना शुरू कर देते हैं. इससे आम लोगों की मुश्किलें बढ़नी शुरू हो जाएगी.

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फिर से रेपो रेट में इजाफा किया गया है तो साफ है बैंक आनेवाले दिनों में अपना कर्ज ग्राहकों के लिए महंगा कर देंगे. रेपो रेट बढ़ने से होम लोन, कार लोन, पर्सनर लोन की EMI बढ़ना तय माना जा रहा है. वहीं बैंक कर्ज को महंगा करना शुरू कर देंगे.

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रेपो दरें 3 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं. बढ़त के साथ ही कर्ज दरें भी महंगी हो जाएंगी. अनुमान है कि बैंक जल्द ही कर्ज महंगे करने का ऐलान शुरू कर देंगे.

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आरबीआई ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अपने आर्थिक वृद्धि अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत कर दिया है. हालांकि उन्होने कहा कि भारत में आर्थिक गतिविधियां स्थिर बनी हुई हैं. गवर्नर के मुताबिक फिलहाल क्रेडिट स्थिति बेहतर है और आने वाले समय में ग्रामीण क्षेत्रों से मांग भी बेहतर होने का अनुमान है.