भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) की मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की मीटिंग में शुक्रवार (30 सितंबर) हुई. इस बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया है. आरबीआई के गर्वनर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी दी और साथ ही उन्होंने रेपो रेट (Repo Rate) में बढ़ोतरी की घोषण की है.

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आरबीआई ने फेस्टिव सीजन (Festive Season) में आम आदमी को बड़ा झटका दिया है. रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 50 बेसिस प्वॉइंट (RBI Hike Repo Rate) का इजाफा किया है.

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘नीतिगत रेपो दर को 50 आधार अंकों से बढ़ाकर 5.9% किया गया है. इस वर्ष की पहली तिमाही में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि उम्मीद से कम रही. फिर भी यह 13.5 प्रतिशत थी और शायद प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक थी.’

उन्होंने आगे कहा, ‘चालू वित्त वर्ष के दौरान 28 सितंबर तक प्रमुख मुद्राओं की एक टोकरी के मुकाबले अमेरिकी डॉलर में 14.5% की वृद्धि हुई है. हालांकि अधिकांश अन्य देशों की तुलना में भारतीय रुपये की गति व्यवस्थित रही. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में 7.4 फीसदी की गिरावट हुई.’

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आरबीआई ने पिछले महीने 5 अगस्त को रेपो रेट को आधा फीसदी बढ़ाकर 5.40 फीसदी कर दिया था और इससे पहले आरबीआई ने 4 मई 2022 को पॉलिसी रेपो रेट को 40 आधार अंक बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया था, जबकि स्थायी जमा सुविधा (fixed deposit facility) दर को 4.15 प्रतिशत और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) रेट और बैंक रेट को 4.65 प्रतिशत पर एडजस्ट किया था.

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भारत में खुदरा महंगाई दर लगतार 8वें महीने RBI की तय लक्ष्य सीमा से ऊपर बनी हुई है. बीते दिनों जारी किए गए खुदरा महंगाई के आंकड़ों को देखें तो अगस्त में यह एक बार फिर से 7 प्रतिशत पर पहुंच गई है.