दिवाली (Diwali) का त्योहार (Festival) आने में अब ज्यादा दिन नहीं है. इस दिन लोग देवी लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) और भगवान गणेश (Lord Ganesh) की पूजा करते हैं. धनतेरस (Dhanteras) पर ही लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्तियां खरीदी जाती हैं. जो लोग दिवाली की रात जागकर लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्तियों की पूजा करते हैं, उनके घर मां लक्ष्मी का आगमन होता है. ऐसे में दिवाली पूजा के लिए लक्ष्मी जी और गणेश जी की मूर्ति खरीदते समय अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए.

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श्री गणेश जी की मूर्ति खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान

1.श्री लक्ष्मी गणेश को कभी भी एक-दूसरे के साथ जोड़े में नहीं खरीदना चाहिए. लक्ष्मी और गणेश की ऐसी मूर्तियों को पूजा कक्ष में ले जाना चाहिए, जिसमें दोनों देवता अलग-अलग हों.

2. श्री गणेश जी की मूर्ति में उनकी सूंड बायीं ओर होनी चाहिए. दायीं ओर मुड़ी हुई सूंड शुभ नहीं मानी जाती है.

3. मूर्ति खरीदते समय हमेशा श्री गणेश जी के हाथ में मोदक वाली मूर्ति खरीदें. ऐसी मूर्ति को सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है.

4. श्री गणेश जी की ऐसी मूर्ति खरीदे जिसमे मूषक की उपस्थिति हो.

5. सोने, चांदी, पीतल या अष्टधातु की मूर्ति खरीदने के साथ ही क्रिस्टल के लक्ष्मी-गणेश की पूजा करना शुभ माना जाता है.

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माता लक्ष्मी की मूर्ति खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान

1. मां लक्ष्मी की ऐसी मूर्ति न खरीदें जिसमें मां लक्ष्मी की मूर्ति पर उल्लू पर विराजमान हों. ऐसी मूर्ति को काली लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है.

2. लक्ष्मी माता की ऐसी मूर्ति को खरीदना चाहिए कि वह कमल पर विराजमान हो. उनका हाथ सिंदूर में हो और धन की वर्षा करता हो.

3. कभी भी लक्ष्मी जी की ऐसी मूर्ति न लाएं जिसमें वह खड़ी हों. ऐसी मूर्ति को देवी लक्ष्मी के प्रस्थान का प्रतीक माना जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)