पाकिस्तान के हालात बेहद ही खराब है. अर्थव्यवस्था चैपट हो गया है. देश में लोगों के पास खाने के पैसे भी नहीं बचे हैं. वहीं अफगानिस्तान की करेंसी की वैल्यू लगातार गिरी है. बता दें कि अगस्त की शुरुआत में एक डॉलर की मुकाबले अफगान करेंसी की वैल्यू करीब 80 थी जो अब 123 तक पहुंच चुका है. दोनों देश में पैसे की भारी किल्लत देखी जा रही है. इमरान खान की पार्टी पीटीआई (PTI) के पूर्व सदस्‍य सेवानिवृत्‍त जज वजीहूद्दीन अहमद ने कहा कि देश कंगाल हो गया है. वजीहूद्दीन के इस खुलासे के बाद से पाकिस्‍तान में राजनीतिक माहौल गरम हो गया है.

इसके पहले इमरान खान ने कहा कि पैसे की कमी के कारण हम सरकारी योजनाओं को शुरू नहीं कर पा रहे हैंऔर इससे देश का विकास नहीं हो पा रहा है. दरअसल, लोन लेकर लोन चुका रहे कंगाल पाकिस्‍तान को अब विदेशी एजेंसियों से कर्ज नहीं मिल पा रहा है. आईएमएफ ने पाकिस्‍तान को एक अरब डॉलर का लोन देने से इनकार कर दिया है.

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वहीं अफगानिस्तान की इकॉनमी पहले से ही खस्ताहाल थी. अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने अफगानिस्तान की अरबों डॉलर की संपत्ति को विदेशों में फ्रीज कर दिया है. इसके बाद से अफगानिस्तान की इकॉनमी का और बुरा हाल है. अफगानिस्तान को भी 23 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से करीब 45 करोड़ डॉलर मिलने की उम्मीद थी, लेकिन IMF ने तालिबान शासन को लेकर ‘स्पष्टता की कमी’ के कारण पैसे रिलीज करने से मना कर दिया था.

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मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि लोगों के पास पैसे नहीं है और कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं. अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक के पूर्व कार्यवाहक गवर्नर खान अफजल हदवल ने कहा कि तालिबान पर प्रतिबंध और अफगानिस्तान के रिजर्व फंड को फ्रीज करने से अफगानिस्तान की इकॉनमी पूरी तरह से पतन के कगार पर है.