Earthquake in Nepal; पश्चिमी नेपाल में बुधवार (9 नवंबर) तड़के 6.6 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने पूरे देश को हिला दिया. इस प्राकृतिक आपदा में कम से कम 6 लोगों की मौत हो गई है और पांच घायल हुए हैं. नेशनल सीस्मोलॉजिकल सेंटर के अनुसार, भूकंप देर रात 2:12 बजे आया और इसका केंद्र दोती जिले के खाप्टाड नेशनल पार्क में था. भारत में दिल्ली-NCR समेत उत्तर भारत में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे.

यह भी पढ़ें: दिल्ली-एनसीआर समेत कई जगहों पर देर रात आए भूकंप के तेज झटके

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता फणींद्र पोखरेल ने बताया कि भूकंप में छह लोगों की मौत हुई है. पोखरेल ने फोन पर पीटीआई-भाषा को बताया कि गंभीर रूप से घायल पांच लोगों को डोटी के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. भूकंप के कारण एक पुलिस चौकी और आठ घर ढह गए.

डोटी में जिला पुलिस कार्यालय के कार्यवाहक प्रमुख पुलिस उपाधीक्षक (DSP) भोला भट्टा ने कहा कि भूकंप के दौरान क्षतिग्रस्त हुए घरों के मलबे में दबने से सभी पीड़ितों की मौत हुई है. बचाव अभियान चलाने के लिए नेपाल सेना और नेपाल पुलिस के जवानों को लगाया गया है.

यह भी पढ़ें: तीन देशों में महसूस किए गए तेज भूकंप के झटके, दिल्ली से लेकर इस्लामाबाद तक हिल गई धरती

नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा भी एक चुनाव प्रचार के लिए पश्चिमी नेपाल में थे जब इस क्षेत्र में भूकंप आया. वह भूकंप के केंद्र से 160 किलोमीटर दक्षिण में धनगढ़ी जिले में चुनावी रैलियों में शामिल हो रहे थे और लोगों से मिल रहे थे.

पोखरेल के अनुसार, प्रधानमंत्री सुरक्षित हैं, धनगढ़ी में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. उन्होंने बताया कि घटना को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री के पश्चिमी नेपाल में चुनाव प्रचार के कार्यक्रम में जरूरी बदलाव किए जाएंगे. 

यह भी पढ़ें: Earthquake: हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में आया भूकंप, मची अफरा-तफरी

काठमांडू और भारत के कुछ हिस्सों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, इससे पहले मंगलवार को 5.7 तीव्रता का भूकंप रात 9.07 बजे और दूसरा 4.1 तीव्रता का भूकंप रात 9.56 बजे इसी केंद्र पर दर्ज किया गया था.

यह भी पढ़ें: Dev Deepawali 2022: रोशनी से जगमगाए वाराणसी के घाट, देखें VIDEO

अप्रैल 2015 में 7.8-तीव्रता के विनाशकारी भूकंप ने नेपाल को हिलाकर रख दिया था, जिसमें लगभग 9,000 लोग मारे गए थे और लगभग 22,000 अन्य घायल हुए थे. उस साल आई त्रासदी में 800,000 से अधिक घर और स्कूल भी क्षतिग्रस्त हो गए थे.