वैशाख माह के आखिरी दिन बुद्ध पूर्णिमा होती है. हिंदू धार्मिक मान्यताओं में पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है. यह बौद्ध पूर्णिमा और सनातन धर्म के लिए दोनों धर्मों के लिए खास महत्व रखती है. इस साल बुद्ध पूर्णिमा का त्योहार 26 मई, बुधवार को मनाया जाएगा. धार्मिक मान्यतानुसार वैशाख मास की पूर्णिमा के दिन ही महात्मा बुद्ध (Lord Buddha) का जन्म हुआ था. शास्त्रों के अनुसार भगवान बुद्ध, भगवान विष्णु और भगवान चंद्रदेव की पूजा का विधान है. ऐसी मान्यता है कि महात्मा बुद्ध, भगवान विष्णु के ही अवतार हैं.

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वैशाख पूर्णिमा के दिन करें इन तीन देवों की पूजा

बौद्ध धर्म में वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध की पूजा का विधान है. ऐसा माना जाता है कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध की पूजा करने से भक्तों के जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते है. शास्त्रों की मान्यता के अनुसार वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध के साथ अगर भगवान चंद्रदेव और भगवान विष्णु की भी पूजा करते है.तो भक्तों की मनोकामनाएं बहुत ही जल्द पूरी हो जाती हैं.

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वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा कब है?

वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि 16 मई के दिन पड़ रही है. पूर्णिमा तिथि का आरंभ 15 मई, रात्रि 12:45 से होकर 16 मई रात्रि 9 बजकर 45 मिनट तक है. वैशाख पूर्णिमा का व्रत सोमवार, 16 मई 2022 को रखा जाएगा.

विष्णु के 9वें अवतार हैं महात्मा बुद्ध

भगवान बुद्ध केवल बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए आराध्य नहीं है बल्कि उत्तरी भारत में गौतम बुद्ध को हिंदुओं में भगवान श्री विष्णु का नौवां अवतार भी माना जाता है. विष्णु के आठवें अवतार भगवान श्री कृष्ण माने जाते हैं. इस दिन भक्त बुद्ध पूर्णिमा पर्व को प्रकाश उत्सव के रूप मे मनाते हैं. इस दिन जरूरतमंद लोगों को अन्न-दान करने की परंपरा है.

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आपको जानकारी के लिए बता दें कि बुद्ध पूर्णिमा के अलावा भी हिन्दू धर्म के लोग भी बुद्ध पूर्णिमा को बहुत ही आस्था और विश्वास के साथ मनाते है.दोनों ही समुदाय के लोगों के लिए ये पर्व बेहद खास है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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