World Lizard Day 2023: अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से हर दिन कोई ना कोई महत्वपूर्णं दिन मनाया जाता है. कभी किसी चीज की महत्वता बताई जाती है तो कभी किसी चीज के लिए लोगों को जागरुक किया जाता है. 14 अगस्त के दिन दुनियाभर में विश्व छिपकली दिवस यानी वर्ल्ड लिजर्ड डे मनाया जाता है. इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य ये है कि लोगों के बीच लिजर्ड यानी छिपकली को लेकर डर तो होता है लेकिन जागरुकता नहीं होती है और इस दिन इसी जागरुकता को बढ़ाने के लिए ये दिन मनाया जाता है. विश्व छिपकली दिवस क्यों मनाया जाता है, इसकी महत्वता क्या है इसके साथ हम आपको बताएंगे कि छिपकली की कितनी प्रजातियां होती हैं और इनसे जुड़ी क्या-क्या बातें होती हैं.

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विश्व छिपकली दिवस क्यों मनाया जाता है? (World Lizard Day 2023)

14 अगस्त के दिन विश्व छिपकली दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस खास दिन को बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं जबकि इस दिन को मनाने के लिए किसी भी प्रमुख संरक्षण संगठन से मान्यता प्राप्त नहीं है.अगर इसके इतिहास की बात करें तो ये स्पष्ट रूप से सामने नहीं आया है कि इस दिन को मुख्यरूप से क्यों मनाते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दिन स्कूलों पार्कों और रेप्टाइल उत्साही लोग एक स्थानीय पहल के तौर पर इस दिन को मनाने लगे थे. इस आकर्षक जीव को जानने समझने के लिए जुनूनी लोग ही इस दिन को छिपकली के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए इस दिन को मनाते हैं. इसके साथ ही जो लोग छिपकली के प्रति लापरवाह होते हैं और उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं उन लोगों के लिए ये दिन बनाया गया है.

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छिपकली से जुड़े अनसुने तथ्य (Lizards Unknown Facts in Hindi)

इस दुनिया में छिपकलियों की लगभग 6 हजार प्रजातियां पाई जाती हैं. जानवरों में एक खास बात होती है कि जब तक आप उन्हें नहीं छेड़ेंगे तब तक आपको वो कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा. ऐसा ही छिपकली में भी है लेकिन बहुत से लोग इस जीव से डरते हैं. कई देशों में छिपकली को मारकर खाने की प्रथा होती है. चलिए आपको छिपकली से जुड़े कुछ अनसुने फैक्ट्स बताते हैं.

1.जिस तरह सांप अपनी केंचुली बदलता है उसी तरह छिपकली भी समय समय पर अपनी त्वचा उतारती रहती है. कई मामलों में छिपकली सांप के जैसे होती हैं.

2.छिपकली में सबसे खास बात ये होती है कि उसकी नाक उसकी जीभ में होती है. जब भी उन्हें कुछ सूंघना होता है वो अपनी जीभ बाहर कर लेती हैं और सूंघकर उसे खा लेती हैं.

3.छिपकली की अलग-अलग प्रजाति पूरी दुनिया में पाई जाती हैं. लेकिन अंटार्कटिका महाद्वीप पर कोई छिपकली नहीं होती. यहां का तापमान बहुत ठंडा होता है और छिपकलियां ठंडी जगहों पर जिंदा नहीं रह सकती हैं.

4.छिपकली की कुछ ऐसी भी प्रजातियां पाई जाती हैं जो गिरगिट की तरह रंग बदलने में माहिर होती हैं. वैसे गिरगिट भी छिपकली की ही प्रजाती होती है.

5.छिपकली को मारने के लिए उसकी पूंछ पकड़ते हैं लेकिन ये बात ध्यान रखना चाहिए कि वो अपनी पूंछ को अपने शरीर से आसानी से अलग कर सकती है.

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