भारत इतिहास में आपको कई प्राचीन मंदिर देखने को मिल जाएंगे, जिनका निर्माण हजार साल पहले किया गया था. उस समय में राजा महाराजाओं द्वारा भी कई मंदिर बनाए गए थे, जिनकी प्राचीन दीवारें आज भी मजबूती के साथ खड़ी हुई मिलेंगी. प्राचीन होने की वजह से मंदिरों ने कई स्तरों पर सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित किया है. वहीं, इनमें से कई मंदिर ऐसे भी हैं, जिनसे कई चौकाने वाली चीजें जुड़ी हुई हैं. ऐसे ही एक प्राचीन मंदिर के बारे में आज हम आपको बताने वाले हैं, जिसे भूतों का मंदिर कहते हैं.

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ककनमठ मंदिर

आज हम जिस मंदिर की बात करने वाले हैं, वो मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के सिहोनियां कस्बे में स्थित है. इस मंदिर को आप सिहोनियां से करीब दो किमी की दूरी से देख सकते हैं. इसके अलावा ये मंदिर जमीन से लगभग 115 फुट की ऊंचाई पर स्थित है. यह दिखने में थोड़ा डरावना भी है.

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भगवान शिव को समर्पित

ये प्राचीन मंदिर शिव भगवान को समर्पित है. भगवान शिव का ये मंदिर काफी ऊंचाई पर स्थित है. मंदिर में जाने के लिए आपको थोड़ी सीढ़ियां चढ़नी पड़ेंगी, इसके बाद ही शिवलिंग के दर्शन कर पाएंगे. मंदिर में जाने से पहले दोनों तरफ कई खम्बे दिख जाएंगे. यहां हर कोई सिर्फ और सिर्फ भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आता है.

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किसने बनवाया था मंदिर

इस मंदिर को कछवाहा वंश के राजा कीर्ति राज ने 11वीं शताब्दी में बनवाया था. ऐसा माना जाता है कि रानी ककनावती महादेव की बड़ी भक्त थी, जिस वजह से इस मंदिर का नाम रानी के नाम पर रखा गया. ऐसा कहा जाता है कि मौसम की वजह से यहां स्थित कई छोटे-छोटे नष्ट हो चुके हैं.

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भूतों का मंदिर

इस मंदिर से एक दिलचस्प बात भी जुड़ी हुई है, माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण एक रात में भूतों ने एक साथ मिलकर किया था, लेकिन मंदिर बनाते-बनाते सुबह हो गई और निर्माण को फिर बीच में ही छोड़ना पड़ गया. इस मंदिर को भूतों का भी मंदिर कहते हैं, इस मंदिर को आप देखेंगे, तो आपको ये देखने में अधूर ही लगेगा.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.