दुनिया में हमारे दैनिक जीवन (Daily Life) में जिम्मेदारियों के कारण बहुत अधिक तनाव होता है. इसके साथ आने वाले तनाव (Tension) को प्रबंधित करना कई लोगों के लिए मुश्किल होता है. नियमित रूप से पेड़ पौधों (Tree And Plants) की देखरेख पर पर्याप्त समय दिया जा सकता है और उसकी गहन निगरानी की जा सकती है. इसका हमारे मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) पर सकारात्मक असर होता है. रिसर्च में यह बात साबित हुआ है कि पेड़-पौधों के आसपास वक्त बिताने से शरीर और मन दोनों को फायदा होता है.

हम सभी पेड़ों की छांव में ताज़ी खुली हवा में सांस लेकर अच्छा महसूस करते हैं. लेकिन खुशहाल बनाने और सूकून दिलाने के अलावा पेड़-पौधे और भी तरीकों से मेंटल हेल्थ यानि मानसिक सेहत को फायदा पहुंचाते हैं. इसीलिए, जो लोग बागवानी यानि गार्डनिंग (Gardening) का शौक रखते हैं. उन्हें, इन तरीकों से फायदा पहुंचता है.

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पौधे चिंता और अवसाद को कम कर सकते हैं.

पौधे चिंता और अवसाद की भावनाओं को कम कर सकते हैं

पौधे की मिट्टी में माइकोबैक्टीरियम वैके नामक एक जीवाणु पाया गया जो सेरोटोनिन की रिहाई को ट्रिगर करता है. यह मूड को बढ़ाता है और चिंता को कम करता है. इसलिए, इनडोर या बाहरी पौधों के साथ बातचीत अवसाद के लक्षणों को कम कर सकता है.

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पौधे मानसिक स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाते हैं.

घर के अंदर हवा की गुणवत्ता बढ़ाएं

पौधे न केवल आपके मानसिक स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाते हैं, वे समग्र रूप से आपके स्थान में सुधार करते हैं. नासा के अध्ययनों से पता चला है कि पौधे हवा की गुणवत्ता में सुधार करते हैं. उदाहरण के लिए, यह हवा में नमी जोड़ सकते हैं, जो शुष्क सर्दियों के महीनों में मदद करता है.

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स्वीकार करने की क्षमता

संयम रखना और स्थिति को स्वीकार करना भागदौड़ भरी ज़िदगी में बहुत मुश्किल काम है. लेकिन, गार्डनिंग करते समय यह गुण लोगों में आ जाता है. बाग-बगीचे में समय बिताने वाले लोग, यह सीख लेते हैं कि किसी चीज़ के लिए जल्दबाज़ी करना ठीक नहीं. जैसा कि, हड़बड़ाहट और बेचैनी की एक बड़ी वजह यही है कि हम चीज़ों या स्थितियों को उसके प्राकृतिक रूप में स्वीकार नहीं कर पाते. इसीलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि गार्डनिंग करने से एंक्जायटी यानि बेचैनी से भी राहत मिलती है.

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