घर में बना छोटा-सा किचन गार्डन (Kitchen Garden) ना सिर्फ घर की खूबसूरती बढ़ाता है बल्कि यह सेहत के लिए भी फायदेमंद है. इससे आपको ये फ़ायदा होगा की आप ताज़ा सब्जी और बिना रासायनिक दवाई (Chemical Medicine) और शुद्ध जैविक सब्ज़ियाँ (Organic Vegetables) मिल जाएगी. इन गर्मियों में आप अपने बगीचे में कुछ ऐसी सब्ज़ियां लगा सकते हैं जिन्हें गर्म तापमान की जरुरत होती है. इसीलिए आज हम आपको कुछ ऐसी ही सब्ज़ियों के बारे में बताने जा रहें जो घर पर आसानी से उगाई जा सकती हैं.

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किचन गार्डन के फायदे

कुछ ऐसे पौधे होते हैं जोकि कीड़े-मकौड़े को भगाकर हवा को साफ करते हैं इसलिए घर में किचन बनाना अच्छा होता है. घर में किचन गार्डन होने का एक फायदा यह भी है कि आपको आसानी से हर्ब्स मिल जाते हैं.

घर की किचन गार्डन से आप ताजी और हेल्दी सब्जियां खा सकते हैं. आप घर पर रोजाना इस्तेमाल होने वाली सब्जियां जैसे प्याज, टमाटर, लहसुन आदि उगा कर काफी पैसे बचा सकते हैं. गार्डनिंग करने का एक सबसे बड़ा फायदा यह भी है कि इससे आप तनाव, डिप्रैशन और कई बीमारियों से बचे रहते हैं.

शुरुआत करें आसान चीजों से

किचन गार्डन की शुरुआत करते समय एकदम से ही ऐसी सब्जियां उगाने की कोशिश न करें, जिसकी पर्याप्त जानकारी आपके पास न हो. सबसे पहले आप पुदीना, धनिया पत्ती, लहसुन, हरी मिर्च, साग की अलग-अलग वेरायटी जैसे पालक, चौलाई, मेथी आदि के अलावा करी पत्ता, तुलसी, हरी मिर्च आदि को अपने बगीचे का हिस्सा बनायें. धीरे-धीरे जब आपको बागवानी की जानकारी हो जाये, तो आप अपने किचन गार्डन में गमलों की संख्या और सब्जियों की वेरायटी को बढ़ायें.

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नियमित देखभाल है जरूरी

पेड़-पौधे भी बच्चे की तरह होते हैं. आप जितना उनका ध्यान रखेंगी, उनका विकास उतनी ही अच्छी तरह से होगा. गमलों की मिट्टी को नियमित तौर पर उलटती-पलटती रहें. ऐसा करने से गमले की मिट्टी जमेगी नहीं. जब मिट्टी जम जाती है तो पौधों में से पानी गमलों के किनारे-किनारे से निकल जाता है. जब तक बीज से पौधे निकल ना जायें और पौधे जड़ न पकड़ लें, तब तक गमलों में पानी धीरे-धीरे डालें, जिससे कि बीज बाहर न निकल जाये या फिर पौधे उखड़ ना जायें.

खाद-पानी

सब्जियों में अलग से रासायनिक खाद डालने की जरूरत नहीं होती. अगर पौधा रोपते समय ही पर्याप्त मात्रा में कंपोस्ट डाल दी जाए, तो बार-बार खाद डालने की जरूरत नहीं होती. अगर कंपोस्ट की जगह वर्मी कंपोस्ट डालें, तो पौधे अधिक फल देंगे और उन्हें किसी तरह का रोग नहीं होगा. एक-दो दिन के अंतर पर सब्जियों के पत्तों पर पानी में सिरका या फिर थोड़ा-सा नमक मिला कर स्प्रे कर दिया करें.

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बालकनी में जाली लगवाएं

आजकल कबूतरों और दूसरे पंक्षियों को रोकने के मकसद से प्लास्टिक की जालियां लगाई जाने लगी हैं. ये जालियां मजबूत होती हैं और दिन हो या रात ऐसी जालियों से न तो बाहर का दृश्य प्रभावित होता है और न हवा रुकती है. आसानी से उगेंगी सब्जियां.

मिट्टी करें तैयार

गमलों और जगह का चुनाव कर लेने के बाद सब्जियां बोने के लिए मिट्टी तैयार करें. गमलों में मिट्टी भर के उसे भुरभुरा कर लें और उसमें पानी डाल के एक-दो दिन के लिए छोड़ दे. अब इस मिट्टी को खुरपी से खोदकर एकसार कर लें. इसमें गोबर, चायपत्ती, सूखी पत्तियों की खाद को मिलाकर पानी डालकर छोड़ दें.

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