मुस्लिम समुदाय में ईद-उल-फितर सबसे बड़ा पर्व होता है और ये रमजान के पाक महीने के आखिरी दिन मनाते हैं. इस दिन सभी नये-नये कपड़े पहनकर नमाज पढ़ने जाते हैं और उसके बाद सिवंईयों का मजा परिवार और दोस्तों के साथ लेते हैं. ईल-उल-फितर को मीठी ईद भी कहते हैं और इस्लामिक कैलेंडर के 10वें महीने शव्वाल के पहले दिन ईद-उल-फितर का पर्व मनाया जाता है. रमजान के आखिरी दिन शाम के समय ईद का चांद देखकर नमाज पढ़ते हैं और एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद देते हैं.

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ईद-उल-फितर से जुड़ी 7 दिलचस्प बातें

1. रमजान के रोजा की समाप्ति पर सुबह से शाम तक ईद-उल-फितर मनाया जाता है. महीने भर चलने वाले रोजा में जो अल्लाह शक्ति और धैर्य देते हैं उसके लिए अल्लाह का लोग शुक्रियाअदा इसी दिन करते हैं.

2. ईद के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग नहा-धोकर नये-नये कपड़े पहनते हैं. इसके बाद महिलाएं घर पर और पुरुष मस्जिद जाकर नमाज अदा करते हैं. इसके बाद एक-दूसरे को गले लगाकर सभी को इस दिन की मुबारकबाद देते हैं.

3. मुस्लिम समुदाय को मानने वालों के घरों में कबाब, बिरयानी, मीठी सेवंई और तरह-तरह के पकवान बनते हैं.

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4. इस दिन सभी बड़े घर के छोटों को कोई ना कोई उपहार देते हैं जिसे आम भाषा में ईदी कहते हैं.

5. मुस्लिम समुदाय के लोग अगर किसी दूसरे धर्म के लोगों के भी दोस्त हैं तो उन्हें घर बुलाकर उन्हें दावत देते हैं.

6. रमजान के पाक महीने में लोग पूरा महीना इबादत और दीन के कामों में निकाल देते हैं. हर दिन नेकी करने वाले लोग खुद को अल्लाह के करीब मानने लगते हैं.

7. इस दिन बहुत से लोग फकीरों को कपड़े देते हैं और पकवान खिलाकर ईद मनाते हैं. मुस्लिम समुदाय में ये बहुत नेकी का काम होता है, हालांकि भूखे को खाना खिलाना और उनकी मदद करना हर धर्म में पुण्य का काम बताया गया है.

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