उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Elections 2022) बहुजन समाज पार्टी के लिए बहुत बुरा साबित हुआ. ऐसी हार कि शायद बसपा ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी. एक और बात बता दें कि हाल ही में बसपा की अध्यक्ष मायावती का कुछ महीनों बाद होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर रिएक्शन सामने आया है. मायावती ने कहा कि वह किसी भी पार्टी की तरफ से मिले राष्ट्रपति पद के प्रस्ताव को कभी स्वीकार नहीं करेंगी.

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मायावती ने बीजेपी और आरएसएस पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके समर्थकों को गुमराह करने के लिए विधानसभा चुनाव में झूठा प्रचार किया गया था. कार्यकर्ताओं को ये कहकर बरगलाया गया कि अगर यूपी असेंबली चुनाव में भाजपा को जीतने दिया गया तो मायावती को राष्ट्रपति बनाया जाएगा.

यूपी विधानसभा 2022 में करारी हार के बाद मायावती रविवार को लखनऊ में पार्टी की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रही थी. मायावती ने कहा कि चुनाव में बसपा को कमजोर करने के लिए भाजपा ने एक सोची समझी साजिश के तहत काम किया.

बसपा प्रमुख मायावती ने ये भी कहा कि बीजेपी ने अपने संगठन आरएसएस के जरिए हमारे लोगों में यह गलत प्रचार कराया कि यूपी में बीएसपी की सरकार नहीं बनने पर हम आपकी बहन जी को देश की राष्ट्रपति बनवा देंगे इसलिए आपको भाजपा को सत्ता में आने देना चाहिए.

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मायावती ने ये भी कहा कि बहुत पहले ही मान्यवर कांशीराम ने राष्ट्रपति पद का प्रस्ताव ठुकरा दिया था. मैं तो उनके पदचिन्हों पर चलने वाली उनकी मजबूत शिष्या हूं. जब उन्होंने यह पद स्वीकार नहीं किया तो भला फिर मैं कैसे यह पद स्वीकार कर सकती हूं. अपनी पार्टी और आंदोलन के हित में मैं कभी भी बीजेपी या अन्य किसी पार्टी की तरफ से दिए गए राष्ट्रपति पद के ऑफर को स्वीकार नहीं कर सकतीं. उन्होंने कहा कि पार्टी के लोग ऐसी अफवाहों से गुमराह न हों.

आपकी जानकारी के लिए बता दें मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है और इससे पहले ही इस पद के लिए चुनाव होना है. 

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मायावती ने भाजपा पर आरोप लगाया कि उन्होंने गरीब वर्ग को रोजगार देने के बजाय थोड़ा मुफ्त राशन देकर उन्हें अपना गुलाम बना दिया है, जिससे उनको बाहर निकालना है. इन वर्गों के साथ-साथ दलितों में भी मेरी जाति को छोड़कर जो अन्य दलित जाति के लोग हैं, उन्हें भी इन पार्टियों के हिंदुत्व से बाहर निकालकर बसपा से जोड़ना है. बसपा प्रमुख ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बीएसपी को फिर से सत्ता में लाने के लिए कड़ा संघर्ष करना होगा.

आपको बताते चलें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 7 चरणों में हुए थे और मतगणना 10 मार्च को की गई थी. इन चुनावों में भाजपा को 273 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं, 4 बार यूपी की सत्ता पर काबिज रही बसपा को सिर्फ एक सीट हासिल हुई.

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