Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti: देश के इतिहास में ऐसे बहुत कम वीर राजा हुए हैं. जिन्होंने विशिष्ठ स्थान पाया है. इन्हीं में से एक नाम है छत्रपति शिवाजी महाराज (Chatrapati Shivaji Maharaj). जिनको अपने वीरता की ऐसी मिसाल दी है. जिस पर पूरा भारत गर्व करता है. छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी, 1630 को शिवनेरी दुर्ग पुणे में हुआ था. मगर कुछ जगह उनके जन्मतिथि 6 अप्रैल, 1627 दर्ज है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लोग साल में 2 बार शिवाजी महाराज की जयंती मनाते हैं. अब आपके मन ये सवाल जरूर आ रहा होगा कि आखिर 2 बार क्यों मनाई जाती है शिवाजी महाराज की जयंती. तो आपके इस सवाल का जवाब इस खबर में मिल जाएगा.

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Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti साल में 2 बार क्यों मनाई जाती है?

वर्ष 2000 में महाराष्ट्र विधानसभा में पास हुए प्रस्ताव के मुताबिक, छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को हुआ था. यदि इसे पंचांग के मुताबिक देखा जाए तो उनका का जन्म फागुन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि, 1551 शक संवत्सर को हुआ था. उससे पहले शिवाजी की जन्मतिथि वैशाख माह की द्वितीया तिथि 1549 शक संवत्सर मानी जाती थी. इसके हिसाब से शिवाजी का जन्म 6 अप्रैल 1627 को हुआ था.

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महाराष्ट्र सरकार ने वर्ष 1966 में इतिहासकारों की एक समिति गठित की. इसमें शिवाजी महाराज का जन्म की ठीक तारीख तय करने की बात की गई. समिति ने यह निष्कर्ष निकाला कि शिवाजी का जन्म फागुन वद्य तृतीया शके 1551 यानी 19 फरवरी 1630 है. परंतु समिति में शामिल एक इतिहासकार एनआर फाटक ने कहा कि वैशाख शुक्ल द्वितीया शके 1549 यानी 6 अप्रैल 1927 को हुआ था.

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स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक का मानना था कि शिवाजी की जन्मतिथि  तय करने के लिए कोई पुष्टि नहीं है. उस समय कुछ लेखों के मुताबिक, शिवाजी की जन्मतिथि 6 अप्रैल 1627 मानी गई और इसी के आधार पर शिवाजी महाराज की जयंती 6 अप्रैल को मनाई जाने लगी. बता दें कि उनके जन्मतिथि पर करीब 100 वर्ष तक शोध हुआ. लेकिन इसके बाद भी आज के समय में भी शिवाजी की जन्मतिथि को लेकर असहमतियां बरकरार हैं. कुछ जगहों पर पुरानी तारीख 6 अप्रैल को शिवाजी जयंती मनाई जाती है तो कुछ जगह 19 फरवरी को.