देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है. चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेष, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान कर दिया है. चुनाव आयोग के इस ऐलान के साथ ही इन पांच राज्यों में आचार संहिता लागू हो गई है. आचार संहिता लागू होते ही चुनाव आयोगी की ताकत बढ़ जाती है. जबकि राज्य सरकार पर कई तरह की पाबंदियां लग जाती है. चुनाव आयोग निष्पक्ष चुनाव के लिए कुछ नियम बनाती है, जिसे आचार संहिता कहा जाता है.

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राज्य सरकार की ताकतें हो जाती है खत्म

आचार संहिता लागू होते ही राज्य सरकार की कई शक्तियां खत्म हो जाती है. जैसे की, मंत्रियों-मुख्यमंत्री सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल अपने आधिकारिक निवास से अपने ऑफिस तक केवल सरकारी काम के लिए ही कर सकते हैं. इस दौरान सरकार किसी का ट्रांसफर नहीं कर सकती है.  राज्य और केंद्र के अधिकारी-कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक चुनाव आयोग के कर्मचारी की तरह काम करते हैं. हालांकि, आयोग की अनुमति के बाद ट्रांसफर किया जा सकता है. चूकी सरकार किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ी होती है तो सरकारी विमान, गाड़ियों का इस्तेमाल उम्मीदवार को लाभ पहुंचाने के लिए नहीं किया जा सकता है.

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ये काम भी नहीं हो सकते

इसके अलावा, मुख्यमंत्री भी प्रचार के लिए सरकारी गाड़ियों का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. सरकार जनसंपर्क के लिए सरकारी फंड का इस्तेमाल नहीं कर सकती है. नई योजनाओं की शुरुआत या किसी भी प्रोजेक्ट का उद्घाटन और आधारशिला नहीं किया जा सकता है. मुख्यमंत्री भी सायरन वाली कार का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. हालांकि, अगर किसी तरह की कोई प्राकृतिक आपदा या महामारी आई हो तो ऐसे वक्त में सरकार कोई उपाय करना चाहती है तो पहले चुनाव आयोग की अनुमति लेनी होगी.

नहीं होती है अनुमति

मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा या किसी भी धार्मिक स्थल का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं हो सकता. किसी भी पार्टी या प्रत्याशी को रैली या जुलूस निकालने या चुनावी सभा करने से पहले पुलिस की अनुमति लेनी होगी. हालांकि, चुनाव आयोग ने अभी 15 जनवरी तक किसी तरह की चुनावी सभा से लेकर रैली तक सभी चीजों पर पाबंदी लगा दी है.

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आपको बता दें, अगर कोई भी प्रत्याशी आचार संहिता का उल्लंघन करता है तो उसके प्रचार करने पर रोक लगाई जा सकती है.  उल्लंघन करने पर प्रत्याशी के खिलाफ आपराधिक मुकदमा भी दर्ज किया जा सकता है.

गौरतलब है कि यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में चुनाव की तारीखों का ऐलान किया गया है. इन पांचों राज्यों में चुनाव के लिए 7 फेज का आयोजन किया जाएगा. जिसमें पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में एक फेज में मतदान कराया जाएगा. वहीं, मणिपुर में 2 फेज में और उत्तर प्रदेश में 7 फेज में मतदान किया जाएगा. सात फेज में 10 फरवरी, 14 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च, और 7 मार्च को मतदान कराया जाएगा. जबकि मतगणना 10 मार्च को होगी.

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