उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए आज 11 जिलों की 58 सीटों पर वोटिंग हो चुका है. पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिकतर सीटों पर मतदान संपन्न हुआ. इसके बाद 14 फरवरी को दूसरे चरण के अंतर्गत 56 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है. ये 56 सीट जिन 9 जिलों में हैं उनमें अमरोहा, रामपुर, संभल, मुरादाबाद, सहारनपुर, बरेली, बिजनौर, बदांयू, शाहजहांपुर शामिल है. अगर चर्चा करें तो स्वार सीट की तो यहां समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के सांसद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान की तो यह समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार है. विधानसभा में चुनाव में समाजवादी पार्टी ने स्वार सीट से अब्दुल्ला आजम खान को चुनावी मैदान में उतारा है. और 2022 में रिकॉर्ड वोट से जीत का दावा कर रहे हैं.

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आपको जानकरी के लिए बता दें कि अब्दुल्ला आजम की दो जन्म प्रमाण पत्र एवं दो पैन कार्ड से जुड़े मामले में जांच के बाद उनकी विधायकी भी चली गई थी. इस मामले में उनको 2 वर्ष तक जेल में रहने के बाद 15 जनवरी 2022 को रिहाई मिली. उनकी मां तंजीम फातिमा को पहले ही जमानत मिल चुकी है. समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान करीब 2 साल से उत्तर प्रदेश की सीतापुर जेल में बंद हैं. इसी वजह से प्रचार की नजरों से देखा जाए तो आजम खान का नहीं होना पार्टी के लिए बढ़िया नहीं माना जा रहा है. इसी कारण से उनके बेटे पर भी दबाव है कि वह अपने पिता की भूमिका में नजर आने लगें.

विधानसभा चुनाव में दर्ज की थी जीत

अगर बात करें पिछले विधानसभा चुनाव के बारे में तो अब्दुल्ला आजम खान को इसमें ऐतिहासिक जीत प्राप्त हुई थी. चुनाव में अब्दुल्ला आजम खान को 1,06,443 वोट हासिल हुए थे. इसके बाद दूसरे नंबर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार लक्ष्मी सैनी रही थीं. उनको 53,347 मत हासिल हुए थे. वहीं बीएसपी उम्मीदवार नवाब काज़िम अली खान को 42 हजार 233 वोट हासिल हुए थे.

चुनाव में आजम खान ने भाजपा प्रत्‍याशी को हराया था

आजम खान के छोटे बेटे अब्दुल्ला आजम खान है. उन्होंने यूपीटीयू से बीटेक की पढ़ाई की है. इसके अलावा उन्होंने वर्ष 2015 में नोएडा की गलगोटिया यूनिवर्सिटी से मास्‍टर्स किया था. पिछली बार के विधानसभा में चुनाव में आजम खान ने भाजपा प्रत्‍याशी को हराया था.

बीजेपी नेता ने भी अब्दुल्ला आजम पर भी केस दर्ज कराया था.

बहुजन समाज पार्टी के उम्‍मीदवार नवाब काजिम अली ने आरोप लगाया था. कि अब्दुल्ला के शैक्षिक प्रमाण पत्रों पर जन्म तिथि 1 जनवरी 1993 दर्ज है. इस हिसाब से चुनाव के समय उनकी उम्र 25 साल से कम थी. इसके बाद मोदी सरकार के नेता आकाश सक्सेना ने भी गंज थाने में जन्‍म प्रमाण पत्र को लेकर केस दर्ज कराया था. इन्होने आरोप लगाया था कि आजम खान ने बेटे अब्दुल्ला के दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाए हैं. इतना ही नहीं, उन पर दो पैन कार्ड और दो पासपोर्ट बनवाने के भी आरोप हैं. आपको बता दें कि इस मामले में पुलिस ने आजम खान उनकी पत्नी, अब्दुल्ला आजम के खिलाफ चार्जशीट फाइल की थी. इस केस में तीनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने के आदेश दिए.

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नोटिस के द्वारा उन तीनो को कोर्ट में कई बार बुलाया पर वे नहीं आए. उनके खिलाफ पहले जमानती और बाद में गैर जमानती वारंट जारी किए गए, पर आजम कोर्ट में नहीं पहुंचे. कोर्ट ने उनका घर कुर्क करने के आदेश दिए थे. फिर इसके बाद हाईकोर्ट ने वर्ष 2021 में अब्दुल्ला की विधायकी रद्द कर दी थी. अब्दुल्ला पर 43 से ज्यादा मामले हैं वहीं आजम के खिलाफ 80 से ज्यादा केस दर्ज हैं.

 भाजपा सरकार मोहम्मद आजम खान परिवार के लिए मुसीबत बनकर आई.

जब 2017 में राज्य में भाजपा सरकार सत्ता में आई तो मोहम्मद आजम खान और उनके परिवार के लिए मुसीबत आई. सरकार बनने के कुछ महीने बाद ही आजम खान के खिलाफ रामपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी कि तरफ से अनुसूचित जाति के लोगों की 104 एकड़ जमीन नियमों के खिलाफ खरीदने के लिए राजस्व बोर्ड में 10 मामले दर्ज किए गए थे.

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बता दें कि रामपुर (Rampur)से समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान करीब 2 साल से उत्तर प्रदेश की सीतापुर जेल में बंद हैं. उनको पिछले साल फरवरी में उनकी पत्नी और बेटे के साथ जमीन हथियाने, अतिक्रमण करने सहित फर्जी जन्म प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने जैसे कई मामलों में गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद में उनकी पत्नी और बेटे को जमानत मिल गई थी. आजम खान के बेटे यूपी के स्वार सीट से चुनावी मैदान में हैं. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में सात चरणों में 10 फरवरी, 14 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च, और 7 मार्च को मतदान कराया जाएगा. जबकि मतगणना 10 मार्च को होगी.

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