महाराष्ट्र कैबिनेट ने बुधवार शाम को औरंगाबाद (Aurangabad) का नाम संभाजीनगर (Sambhajinagar) और उस्मानाबाद (Osmanabad) का नाम धाराशिव (Dharashiv) करने को मंजूरी दे दी. बता दें कि महाअगाडी सरकार का ये फैसला उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से कुछ घंटे पहले ही आया था. 

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उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नामकरण किसान नेता दिवंगत डीबी पाटिल के नाम पर करने को भी मंजूरी मिली. 

संभाजी मराठा राजा छत्रपति शिवाजी के सबसे बड़े बेटे थे. उन्हें मुगल सम्राट औरंगजेब के आदेश पर मारा गया था. औरंगजेब ने ही 17वीं शताब्दी में औरंगाबाद को इसका नाम दिया था. इस शहर का नाम संभाजी के नाम पर रखने की लंबे समय से शिवसेना की मांग रही है. सहयोगी कांग्रेस अब इस कदम के समर्थन में है. हालांकि उसने पहले कहा था कि नाम बदलना “राजनीतिक एजेंडा नहीं होना चाहिए.”

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शिवसेना ने BJP के साथ अपना गठबंधन तोड़कर एमवीए सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और एनसीपी के साथ हाथ मिलाया था. बीजेपी ने अक्सर औरंगाबाद का नाम बदलने की अपनी पुरानी मांग की शिवसेना को याद दिलाया था. शहर का नाम मुगल सम्राट औरंगजेब से लिया गया था, जिसे कथित रूप से क्रूर और हिन्दू विरोधी बताया जाता है. 

एमवीए सरकार में जूनियर पार्टनर कांग्रेस ने कैबिनेट की बैठक में मांग की कि पुणे शहर का नाम छत्रपति शिवाजी महाराज की मां के नाम पर जीजाऊ नगर रखा जाए और नवी मुंबई में सेवरी और न्हावा शेवा के बीच मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक का नाम पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय ए आर अंतुले के नाम पर रखा जाए. लेकिन जाहिर तौर पर इन मांगों पर विचार नहीं किया गया.

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कांग्रेस ने नवी मुंबई एयरपोर्ट का नाम डीबी पाटिल के नाम पर रखने की मांग का समर्थन किया था.