पुलिस ने कहा कि राजस्थान (Rajasthan) के जोधपुर (Jodhpur) में ईद से पहले जालोरी गेट इलाके में झंडों को लेकर हुए विवाद को लेकर पिछली रात हुई हिंसा के बाद मंगलवार को दो समुदायों के बीच ताजा झड़प हो गई. अधिकारियों ने बताया कि आधी रात को हुई इस घटना में पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए. 

भारी पुलिस बल की तैनाती से स्थिति पर काबू पा लिया गया, लेकिन मंगलवार सुबह ईद की नमाज के बाद तनाव तब और बढ़ गया जब यहां जालौरी गेट के पास कुछ लोगों ने पथराव किया. उन्होंने बताया कि कुछ वाहन क्षतिग्रस्त हो गए. जोधपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृहनगर है, उन्होंने लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की.

अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य ईद के झंडे लगा रहे थे और उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की प्रतिमा और चौराहे पर झंडा लगाए. दूसरे समुदाय ने आरोप लगाया कि उन्होंने परशुराम जयंती से पहले वहां भगवा झंडा लगाया था, जो हटा दिया गया है. अधिकारियों ने बताया कि ये बहस पथराव और झड़प में बदल गई.

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पुलिस नियंत्रण कक्ष ने कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस मौके पर पहुंची, जिसमें पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े.

अधिकारियों ने बताया कि अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए इलाके में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. गहलोत ने ट्वीट कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया.

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जोधपुर में BJP विधायक सूर्यकांत व्यास ने स्वतंत्रता सेनानी की प्रतिमा के बगल में ईद का झंडा लगाने पर आपत्ति जताई. व्यास ने अपने समर्थकों के साथ कहा, “उन्होंने बिस्सा जी की प्रतिमा पर झंडा फहराया और हमें इस पर कड़ी आपत्ति है. हम इसे नहीं भूलेंगे.”

BJP के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि असामाजिक तत्वों द्वारा स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की प्रतिमा पर इस्लामी झंडा लगाना और परशुराम जयंती पर लगा भगवा झंडा हटाना निंदनीय है. उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और राज्य सरकार से ‘कानून का शासन’ स्थापित करने की मांग की.

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