प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और सम्मेलन केंद्र ‘रुद्राक्ष’ का उद्घाटन किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन के बाद कहा, “जब पिछले 7 सालों में इतनी सारी विकास परियोजनाओं से काशी का श्रंगार हो रहा है, तो ये श्रंगार बिना रुद्राक्ष के कैसे पूरा हो सकता था? अब जब ये रुद्राक्ष काशी ने धारण कर लिया है, तो काशी का विकास और ज़्यादा चमकेगा और ज़्यादा काशी की शोभा बढ़ेगी.” 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “कोरोना काल में जब दुनिया ठहर सी गई, तब काशी संयमित तो हुई, अनुशासित भी हुई, लेकिन सृजन और विकास की धारा अविरल बहती रही. काशी के विकास के ये आयाम, ये ‘इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एंड कन्वेंशन सेंटर- रुद्राक्ष’ आज इसी रचनात्मकता का इसी गतिशीलता का परिणाम है.” 

पीएम ने जापान का शुक्रिया अदा किया

PM ने काशी में कहा, “भारत के परममित्र जापान के प्रधानमंत्री श्री योशीहिदे सुगा और भारत में जापान के राजदूत सुजुकी सातोषी जी को बहुत धन्यवाद करता हूं. प्रधानमंत्री योशीहिदे जी उस समय चीफ़ कैबिनेट सेक्रेटरी थे. तब से लेकर पीएम की भूमिका तक, लगातार वो इस प्रोजेक्ट में व्यक्तिगत रूप से शामिल रहे हैं.”

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पीएम ने आगे कहा, “जापान के ही मेरे एक और मित्र- शिंजो आबे जी. मुझे याद है, शिंजों आबे जी जब प्रधानमंत्री के तौर पर काशी आए थे, तो रुद्राक्ष के आइडिया पर उनसे मेरी चर्चा हुई थी उन्होंने तुरंत ही अपने अधिकारियों से इस आइडिया पर काम करने को कहा.”

पीएम ने कहा, “भारत और जापान की सोच है कि हमारा विकास हमारे उल्लास के साथ जुड़ा होना चाहिए. ये विकास सर्वमुखी होना चाहिए, सबके लिए होना चाहिए और सबको जोड़ने वाला होना चाहिए.” 

2015 में शुरू हुआ था परिसर का कार्य 

दिसंबर 2015 में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो अबे वाराणसी आए थे. जिसके बाद 12 दिसंबर 2015 को इस रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर को बनाने की घोषणा की गई थी. करीब पांच साल बाद अब पीएम मोदी ने इसका उद्घाटन किया. करीब 2 साल पहले हुए G20 सम्मेलन के दौरान भी भारत-जापान के बीच इस पर चर्चा हुई थी. 

रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर की खास बातें 

वाराणसी के सिगरा में तीन एकड़ में 186 करोड़ की लागत से बना है.

इसमें 120 गाड़ियों की पार्किंग बेसमेंट में हो सकती है. 

ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर पर हाल है, जिसमें वियतनाम से मंगाई गई कुर्सियों पर 1200 लोग एक साथ बैठ सकते है.

दिव्यांगों के लिए भी दोनों दरवाजो के पास 6-6 व्हील चेयर का इंतजाम है. इसके अलावा शैचालय भी दिव्यांगों फ्रेंडली बनाए गए है. 

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