प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इंदौर स्थित शहरी गीले कचरे से बायो-सीएनजी (Bio-CNG plant) बनाने के एशिया के सबसे बड़े गोबर-धन प्लांट (Gobar Dhan Plant in Indore) का लोकार्पण किया. इस दौरान पीएम मोदी ने जिले और जिलेवासियों की जमकर तारीफ भी की. आज इंदौर का नाम आते ही मन में आता है स्वच्छता, मन में आता है नागरिक कर्तव्य. उन्होंने कहा कि जितने अच्छे इंदौर के लोग हैं, उतना ही अच्छा उन्होंने इंदौर को भी बना दिया है. बता दें स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 को लान्च किया हे जिसका मकसद शहरों को कचरा मुक्त बनाना है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीटर पर वीडियो शेयर की है, जिसमें वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा उद्घाटन करते नजर आ रहे हैं.

क्या हैं प्लांट की खूबियां?

इंदौर में आज जिस प्लांट का पीएम मोदी द्वारा उद्घाटन किया गया है, वह एक दिन में 550 टन अलग किए हुए गीले जैविक कचरे को ट्रीट करने की क्षमता रखता है. इससे हर दिन लगभग 17,000 किलोग्राम सीएनजी और प्रतिदिन 100 टन जैविक खाद का उत्पादन होने की उम्मीद की जा रही है. यह प्लांट जीरो लैंडफिल माडल पर आधारित है, इससे कोई रद्दियां यानी रिजेक्ट्स पैदा नहीं होंगी. इतना ही नहीं, यह प्लांट हरित ऊर्जा देगा.

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इंदौर क्लीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड इस परियोजना को लागू करने के लिए बनाया गया एक विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) है. इसे एक निजी-सार्वजनिक भागीदारी मॉडल के तहत इंदौर नगर निगम (आईएमसी) और इंडो एनवायरो इंटीग्रेटेड साल्यूसंश लिमिटेड (IEISL) द्वारा स्थापित किया गया था.

कितनी लागत से बना प्लांट?

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इससे 1 लाख 30 हजार टन कार्बन डाइ आक्साइड के उत्सर्जन को कम किया जा सकेगा. इंदौर शहर में बना यह बायो-सीएनजी प्लांट 150 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है. इसके अलावा, यह एशिया का सबसे बड़ा गोबर-धन प्लांट है.

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