केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार और बड़े फेरबदल के बाद मोदी कैबिनेट ने पहली बैठक गुरुवार शाम को की गई. इस बैठक में किसान और कोरोना के मुद्दे पर बड़े फैसले लिए गए हैं. इसके साथ ही कोरोना की जंग के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से 23 हजार करोड़ के पैकेज का ऐलान किया गया है.

कैबिनेट बैठक के बाद नए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया, अनुराग ठाकुर और नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक में हुए फैसले की जानकारी दी.

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मनसुख मंडाविया ने कहा, आज कैबिनेट बैठक में स्वास्थ्य के संदर्भ में महत्वपूर्ण फ़ैसला किया गया. अप्रैल 2020 में कोविड के लिए पहले पैकेज में 15 हज़ार करोड़ रुपए दिए गए. कोविड अस्पताल 163 से बढ़कर 4,389 हो गए. ऑक्सीजन बेडों को 50,000 से बढ़ाकर 4,17,396 कर दिए गए.

उन्होंने बताया, भविष्य में कोविड से कैसे निपटे उसके लिए 23 हज़ार करोड़ रुपए का पैकेज लाया जाएगा. केंद्र सरकार 15,000 करोड़ रुपए देगी और राज्य सरकारें 8,000 करोड़ रुपए देगी. 736 ज़िलों में पीडिएट्रिक यूनिट बनाए जाएंगे. 20,000 ICU बेड तैयार किए जाएंगे.

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इसके अलावे उन्होंने कहा, हर ज़िले में ऑक्सीजन स्टोरेज की व्यवस्था की जाएगी. हर ज़िले में एक करोड़ रुपए की दवाईयों का बफर स्टॉक किया जाएगा. 23,000 करोड़ रुपए के इस पैकेज की सारे प्रावधानों को अगले 9 महीनों में अमल में लाया जाएगा.

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वहीं, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि, आज हम लोगों ने ये भी निर्णय लिया है कि यदि व्यक्ति एक से अधिक परियोजना (अधिकतम सीमा 25 और ये परियोजना अलग-अलग स्थान पर करना होगा) करेगा तो हर परियोजना पर अलग-अलग 2 करोड़ रुपये तक ब्याज पर छूट और गारंटी की पात्रता रहेगी.

तोमर ने कहा, हमारे देश में एक बड़े क्षेत्र में नारियल की खेती होती है. इसका उत्पादन बढ़े और किसानों को सहूलियत दिया जा सके इसके लिए 1981 में नारियल बोर्ड एक्ट लाया गया था इसमें हम संशोधन करने जा रहे हैं. बोर्ड का अध्यक्ष गैर शासकीय व्यक्ति होगा.

उन्होंने ये भी कहा, बजट में कहा गया था कि मंडियां समाप्त नहीं होगी बल्कि मंडियों को और मज़बूत किया जाएगा. मंडियों को और संसाधन मिले इस दृष्टि से प्रयास किया जाएगा. कृषि अवसंरचना फंड को आत्मनिर्भर भारत के तहत 1 लाख करोड़ रुपये प्रवर्धित किया गया है उस फंड का उपयोग APMC कर सकेगी.

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कृषि मंत्री ने कहा, राज्य सरकार की एजेंसियों पर ये लागू नहीं होगा वो 25 से अधिक परियोजना बना सकते हैं. मंडी के मामले में ये भी निर्णय किया है कि कृषि उपज मंडी में एक से अधिक परियोजनाएं किसानों के लिए बनाई जाएगी तो उन्हें भी ये पात्रता मिलेगी. इस निर्णय से काफी लोग लाभान्वित होंगे.