प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में बदलाव के चलते एक तरफ जहां कई दिग्गज नेताओं की कैबिनेट से छुट्टी हो गई है, वहीं कई नए चेहरों को मंत्रालय के कार्यभार की जिम्मेदारी सौंपी है. रेल मंत्रालय काफी अहम माना जाता है, मंत्रिमंडल में बदलाव से पहले पीयूष गोयल के पास रेल मंत्रालय का जिम्मा था. लेकिन अब पीयूष गोयल की छुट्टी करके पूर्व IAS और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में काम कर चुके अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) को भारत का नया रेल मंत्री बनाया गया है. अश्विनी वैष्णव को रेल के अलावा आईटी और संचार मंत्रालय का कार्यभार भी सौंपा गया है. भले ही वह एक जाना-माना नाम न हों लेकिन उन्हें मोदी सरकार का उभरता हुआ सितारा कहा जा रहा है.

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आइए एक नजर डालते हैं अश्विनी वैष्णव के PMO से लेकर रेल मंत्री बनने तक के सफर पर- 

कलेक्टर रह चुके हैं 

अश्विनी वैष्णव, ओडिशा के बालासोर और कटक जिलों में कलेक्टर के तौर पर काम कर चुके हैं. जब वह बालासोर में एक कलेक्टर के रूप में काम कर रहे थे तो राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने वैष्णव के राहत और पुनर्वास कार्यों की सराहना की थी.

अपने काम के लिए जाने जाते हैं वैष्णव

साल 1999 में ओडिशा में सुपर साइक्लोन के चलते भारी तबाही हुई थी. इसके चलते हजारों लोगों की जान गई थी. सुपर साइक्लोन आने से पहले वैष्णव ने एक अमेरिकी नौसेना की वेबसाइट की मदद से हर घंटे चक्रवात पर नजर रखी और मुख्य सचिव को इसकी जानकारी देते रहे, इस जानकारी की मदद से ओडिशा सरकार चक्रवात से जनता को बचाने के लिए आवश्यक कदम उठा सकी. इसके चलते कई लोगों की जान बचाई जा सकी. 

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अटल बिहारी वाजपेयी संग कर चुके हैं काम 

वैष्णव 2003 तक ओडिशा में ही एक कलेक्टर के रूप में सेवा देते रहे, लेकिन इसके बाद उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यालय में उप सचिव के रूप में नियुक्त कर दिया. पीएमओ में अपनी जिम्मेदारियों का निस्तारण करते हुए उन्होंने सरकार के साथ मिलकर कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर काम किया. 2004 में वाजपेयी सरकार सत्ता से बाहर हो गई. इसके बाद 2006 में उन्हें मोरमुगाओ पोर्ट ट्रस्ट का उपाध्यक्ष बना दिया गया. 

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IAS पद को कह दिया था अलविदा 

वैष्णव काफी पढ़े लिखे व्यक्ति हैं. उन्होंने अमेरिका से अपना एमबीए (MBA) पूरा किया, जिसके बाद भारत लौट आए, इसके बाद आईएएस ऑफिसर के पद से उन्होंने 2010 में इस्तीफा दे दिया और प्रबंध निदेशक के रूप में जीई ट्रांसपोर्टेशन से जुड़ गए. लगभग दो साल बाद 2012 में उन्होंने कॉपोर्रेट लाइन को भी छोड़ दिया और दो ऑटोमोटिव कंपोनेंट्स मैन्युफैक्च रिंग यूनिट्स की शुरुआत की. 

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