संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने 30 मई को भारतीय
प्रशासनिक सेवा
(IAS) परीक्षा के परिणाम घोषित किए हैं. एक से बढ़कर एक युवाओं की चौंकाने वाली कहानियां (IAS success stories) निकलकर सामने आ
रही हैं. ऐसी ही एक कहानी ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) के चिटहैरा गांव से निकलकर सामने आई है.
किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले आलोक भाटी अपने पिता के साथ मिलकर
परिवार का भरण-पोषण करने के लिए दूध बेचने का काम करते हैं. उन्होंने अपने पढ़ाई
के सफर की शुरुआत गांव के प्राइमरी स्कूल से की. उसके बाद दादरी के इंटर कॉलेज में
पढ़े. उन्होंने पूरी पढ़ाई हिंदी मीडियम में ही की है. सोमवार को परीक्षा परिणामों
में वह सफल घोषित हुए हैं. आलोक भाटी को ऑल इंडिया रैंक में 413वीं रैंक हासिल हुई है. वह बतौर
आईपीएस अफसर देश की सेवा करेंगे.

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गाय-भैंसों
की देखभाल से लेकर दूध की सप्लाई तक, सारी जिम्मेदारी निभाते हैं आलोक

आलोक भाटी गौतमबुद्ध नगर के दादरी तहसील के
गांव चिटहैरा के निवासी हैं. उनके पिता अजीत भाटी साधारण किसान हैं. आलोक और उनके
पिता परिवार को संभालने के लिए दूध बेचने का काम करते हैं. गांव वालों की माने तो
उनका कहना है कि आलोक की दिनचर्या बेहद सामान्य है, वह सुबह उठकर गाय-भैंसों को
चारा खिलाते हैं, उसके बाद दूध निकालते हैं और बेचने चले जाते हैं. वापस लौटने के बाद
पढ़ाई लिखाई करते हैं. प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं. आलोक भाटी शुरू से
ही मेधावी छात्र रहे हैं. हालांकि,
उनकी पूरी पढ़ाई गांव के प्राइमरी स्कूल और दादरी के इंटर कॉलेज में
हिंदी माध्यम से हुई है.

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पहले
एनडीए और फिर सीपीएमएफ को किया पास

आलोक भाटी कितने मेधावी हैं इस बात का अंदाजा आप
इस बात से लगा सकते हैं कि उन्होंने पहले नेशनल डिफेंस एकेडमी की प्रतिष्ठित
परीक्षा पास की थी. लेकिन मेडिकल के दौरान उनके दांतो में कुछ समस्या का पता चलने
पर उन्हें एनडीए छोड़ना पड़ा. इसके बावजूद भी आलोक ने हिम्मत नहीं हारी, बल्कि और ज्यादा जज्बे के साथ तैयारी
शुरू की. करीब 2 साल पहले आलोक ने केंद्रीय पैरामिलिट्री फोर्स के लिए आयोजित होने
वाली संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा को भी पास कर लिया. उनका चयन इंडो-तिब्बत सीमा
पुलिस बल में बतौर असिस्टेंट कमांडेंट हो गया. वह फिलहाल आइटीबीपी में प्रशिक्षणरत
हैं.

इसी दौरान आलोक भाटी ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए परीक्षा देने का मन
बनाया. वर्ष 2021 की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा पास करने के बाद बीते अप्रैल महीने
में उन्होंने इंटरव्यू दिया था. जिसके बाद अब सोमवार को उन्हें सफल घोषित किया गया
है और वह अब आलोक भाटी से आईपीएस आलोक भाटी हो गए हैं.

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बहन
कर रही है पीएचडी
, भाई करता है कारोबार

आलोक भाटी के चाचा एडवोकेट श्याम सिंह भाटी ने
बताया कि परिवार के सारे बच्चे पढ़ने में मेधावी हैं. आलोक की छोटी बहन रुचि
पीएचडी कर रही हैं. बड़ा भाई दादरी में कपड़े का कारोबार करता है. आपको बता दें,
अमन के पिताजी अजीत सिंह भाटी सामान्य किसान हैं और मां सुनीता गृहिणी हैं. श्याम
सिंह भाटी ने बताया कि अजीत सिंह ने शुरु से ही पढ़ाई लिखाई को लेकर हमेशा बच्चों
को प्रोत्साहित किया. जिसका पूरा फायदा मिला है. उनके तीनों बच्चे बेहद अच्छे और
मेधावी हैं.

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