इमरजेंसी पैसों की जरूरत कहीं भी कभी भी हो सकती है. कई बार आपको अचानक पैसों की जरूरत हो जाती है लेकिन आप अपनी FD को तोड़ना नहीं चाहते हैं और न ही Mutual Fund को बेचना चाहते हैं. ऐसी ही स्थिति में सैलरी ओवरड्राफ्ट काम आता है. इसके लिए आपके बैंक में हर महीने सैलरी नियमित रूप से आनी चाहिए.

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अगर आप बैंक की शर्तों को पूरा करते हैं तो सैलरी ओवरड्राफ्ट का सहारा ले सकते हैं. सैलरी ओवरड्राफ्ट एक तरह का रिवॉल्विंग क्रेडिट होता है आपकी सैलरी अकाउंट पर मिलता है. इसके जरिए जब आपको अतिरिक्त पैसों की जरूरत हो तो आप अपने सैलरी अकाउंट से कुछ ज्यादा रकम निकाल सकते हैं.

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क्रेडिट कार्ड की तरह होती है अधिक ब्याज दर

सैलरी ओवरड्राफ्ट के मामले में हर महीने एक से तीन प्रतिशत का ब्याज लग सकता है. यानी सैलरी लिमिट से जितना पैसा आप निकालते हैं उस पर हर महीने एक से तीन यानी सालाना 12 से 30 फीसदी तक ब्याज लगता है. इसके अलावा आप समय पर ब्याज का भुगतान नहीं करते हैं पेनाल्टी भी लगती है. प्रोसेसिंग फीस की वजह से भी यह महंगा हो जाता है.

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हालांकि, सैलरी ओवरड्राफ्ट के बारे में अलग-अलग बैंक के नियम और ब्याज दरें भी अलग हैं. लेकिन ज्यादातर बैंक सैलरी एक से तीन गुना तक ओवरड्राफ्ट सुविधा देते हैं.

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