भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) लगातार देश की आर्थिक हालात को लेकर सभी को अगाह कर रहे हैं. वहीं, आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए गंभीर फैसले भी ले रहे हैं. एक दिन पहले ही आरबीआई ने रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट बढ़ाकर 4.90 प्रतिशत कर दिया है. हालांकि, चालू वित्त वर्ष (2022-23) के लिए अपने मुद्रास्फीति (Inflation) के अनुमान को बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है. इस बीच आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कारोबारियों को बड़ी सलाह दी है.

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भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार (9 जून) को कहा कि व्यवसायों को आक्रामक अल्पकालिक लाभ पाने की संस्कृति से बचना चाहिए. उन्होंने कहा कि बहीखातों पर पड़ने वाले अत्यधिक जोखिम का आकलन किए बिना ऐसा करना सही नहीं है.

दास ने कहा कि कारोबार करने में जोखिम उठाना शामिल है, लेकिन जोखिम लेने से पहले जरूरी सावधानी पर विचार करना होगा.

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उन्होंने ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के तहत आयोजित प्रतिष्ठित सप्ताह समारोह में कहा, ‘‘व्यवसायों को बहीखातों पर पड़ने वाले अत्यधिक जोखिम की परवाह किए बिना आक्रामक अल्पकालिक लाभ पाने की संस्कृति से बचना चाहिए.’’

यह कार्यक्रम यहां केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) द्वारा आयोजित किया गया था.

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उन्होंने कहा कि आरबीआई की जानकारी में आने वाले कुछ अनुचित व्यापार मॉडल में अनुचित फंडिंग संरचना, परिसंपत्ति देनदारी में असंतुलन जैसे तत्व देखने को मिले हैं.

उन्होंने कहा कि इसके अलावा वृद्धि के अवसरों और बाजार के रुझानों के बारे में अत्यधिक आशावाद खराब रणनीतिक निर्णयों को जन्म दे सकता है.

इस मौके पर राजस्व सचिव तरुण बजाज और सीबीआईसी के चेयरमैन विवेक जौहरी भी मौजूद थे.

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