भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मौद्रिक समीक्षा नीति के नतीजों को 8 जून को जारी किया है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने ऐलान करते हुए रेपो रेट को बढ़ाने का फैसला किया है. इसके अलावा उन्होंने मौद्रिक समीक्षा नीति के नतीजों को लेकर कई सारे ऐलान किए हैं. जिसका असर आम लोगों पर पड़नेवाला है. आरबीआई ने यूपीआई और क्रेडिट कार्ड पेमेंट को लेकर घोषणाएं की है.

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रिजर्व बैंक ने बुधवार (8 जून) को क्रेडिट कार्ड को यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) से जोड़ने की अनुमति दे दी, जिससे अधिक लोग लोकप्रिय प्लेटफॉर्म का उपयोग करके भुगतान कर सकेंगे. अब तक, केवल बचत बैंक खातों और चालू खातों से जुड़े डेबिट कार्डों को ही UPI प्लेटफॉर्म से जोड़ने की अनुमति थी.

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आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपने घोषणा में कहा कि, आरबीआई द्वारा प्रवर्तित नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा जारी क्रेडिट कार्ड से इस तरह की लिंकिंग संभव होगी. उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था सिस्टम डेवलप होने के बाद लागू की जाएगी और इसके लिए एनपीसीआई को निर्देश जारी किए जाएंगे.

दास ने कहा कि नई व्यवस्था से ग्राहकों को यूपीआई प्लेटफॉर्म के माध्यम से भुगतान करने में अधिक अवसर और सुविधा मिलने की उम्मीद है.

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उन्होंने कहा कि यूपीआई भारत में भुगतान का सबसे समावेशी तरीका बन गया है, जिसमें 26 करोड़ से अधिक यूनिक यूजर्स और 5 करोड़ व्यापारी शामिल हैं.

गौरतलब है कि आरबीआई ने महंगाई पर चिंता जताते हुए बताया है कि, इस वित्त वर्ष (2022-23) में महंगाई दर 6.7 फीसदी की रह सकती है. इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में महंगाई दर 7.5 फीसदी, दूसरी तिमाही में 7.4 फीसदी, तीसरी तिमाही में 6.2 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी रहने की उम्मीद की जा रही है. 

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