कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) अकाउंट में जमा रकम को आंशिक रूप से या पूरी तरीके से निकाला जा सकता है. इसे पीएफ निकासी कहते हैं. कर्मचारी नौकरी से रिटारमेंट कर्मचारी हो जाता है या लगातार 2 माह से अधिक समय तक बेरोजगार रहता है. तो ऐसे में ईपीएफ की रकम निकाली जा सकती है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शादी, मेडिकल इमरजेंसी, होम लोन (Home Loan) भुगतान जैसी परिस्थितियों में भी कुछ शर्तों के मुताबिक इस फण्ड में जमा रकम के कुछ हिस्से को निकाल सकते हैं. अगर आप रिटारमेंट से पहले पीएफ का पैसा (PF Money) निकालना चाहते हैं तो इसके कुछ डाक्यूमेंट्स (PF Documents) आवश्यक होते हैं. इन दस्तावेजों की सहायता से पीएफ का पैसा निकाला जा सकता है.

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत सरकार की सहायता से शुरू किए गए प्रसिद्ध बचत कार्यक्रमों में से एक कर्मचारी भविष्य निधि या ईपीएफ है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की स्थापना वर्ष 1951 में हुई थी. इसकी देखरेख श्रम और रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा की जाती है. श्रम मंत्रालय भारत में ईपीएफ कार्यक्रमों को नियंत्रित करता है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन इस बचत योजना का संचालन करता है. इसे ईपीएफओ भी कह सकते हैं.

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पीएफ का पैसा निकालने के लिए जरुरी दस्तावेज

– दो रेवेन्यू स्टाम्प.

-कम्पोसिट क्लेम फॉर्म.

– बैंक अकाउंट की जानकारी (बैंक खाता केवल पीएफ खाता धारक के नाम पर होना चाहिए).

– पहचान प्रमाण.

– एड्रेस प्रूफ.

– IFSC कोड

-बैंक अकाउंट नंबर के साथ एक खाली और कैंसल किया गया चेक.

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-इसके अलावा व्यक्तिगत डिटेल्स जैसे कि जन्म तिथि, पिता का नाम, पहचान प्रमाण के साथ स्पष्ट रूप से मेल खाना चाहिए.

-अगर कोई कर्मचारी 5 वर्ष की लगातार जॉब से पहले अपने पीएफ की रकम निकलता है. तो वह प्र्तेक वर्ष पीएफ अकाउंट में जमा पूरी राशि का विस्तृत ब्रेकअप साबित करने के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) फॉर्म 2 और 3 की सुविधा देने के लिए उत्तरदायी होगा.