Shivling Puja Vidhi: सावन का महीना 4 जुलाई को शुरू हो गया है. सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई को पड़ा और इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है. शिवजी की पूजा शिवलिंग पर जलाभिषेक से पूरी होती है. सावन के सोमवार की पूजा को लेकर धार्मिक मान्यता है कि महादेव का अभिषेक करने से सभी मनोवांछित फल की प्राप्ति हो जाती है. साधल जल गंगाजल और दूध से भोलेनाथ का अभिषेक किया जाता है. इससे महादेव प्रसन्न भी होते हैं और उनकी कृपा आपके ऊपर बनी रहती है. चलिए आपको बताते हैं जलाभिषेक करते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए.

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जलाभिषेक करते समय कौन सा मंत्र बोलें? (Shivling Puja Vidhi)

सावन का सोमवार के दिन अगर आप शिवलिंग पर जलाभिषेक करने जा रहे हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. सबसे पहले एक लोटा लें और उसमें गंगालजल या स्वच्छ जल लें. इसके बाद उसमें दूध, तिल, अक्षत (चावल), बेलपत्र, फूल भी मिला लें. इस मिश्रित जल को शिवलिंग पर अर्पित करें. जल अर्पित करते समय आपको कुछ मंत्रों को बोलना होता है जिसे आप 11, 21, 51, 101 या 108 बार बोल सकते हैं.

ॐ अघोराय नम:

ॐ शर्वाय नम:

ॐ विरूपाक्षाय नम:

ॐ विश्वरूपिणे नम:

ॐ त्र्यम्बकाय नम:

ॐ कपर्दिने नम:

ॐ भैरवाय नम:

ॐ शूलपाणये नम:

ॐ ईशानाय नम:

ॐ महेश्वराय नम:

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शिवलिंग पूजा के नियम क्या हैं? (Rules Related to Shivling)

शिवलिंग को कभी अकेला नहीं रखना चाहिए. घर में अगर आप शिवलिंग रखें या तस्वीर रखें उस दौरान कई बातों का ध्यान रखना चाहिए. शिवजी पर तुलसी, केतली के फूल, सिंदूर और हल्दी जैसी चीजों को ना चढ़ाएं शिवलिंग को हमेशा पूजा स्थान में ही रखें, उसे हॉल, किचन या बेडरूम में बिल्कुल ना रखें. शिवलिंग पर जल अर्पित करने के बाद भगवान को साष्टांग करना जरूरी होता है. वहीं खड़े होकर शिव मंत्रों का कम से कम 108 बार जाप करें. इसके बाद महादेव को फल चढ़ाएं और आरती करें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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