Kartik Purnima 2023 Deepdan: कार्तिक माह का सबसे अंतिम दिन पूर्णिमा है और इसका इंतजार हिंदू धर्म में पूरे कार्तिक माह रहता है. इसी दिन देव दीपावली भी मनाई जाती है और कतकी भी इसी दिन मनाया जाता है. इसी दिन सिख धर्म के लोग गुरु नानक जयंती भी मनाते हैं. हिंदू धर्म में कार्तिक मास को चातुर्मास का अंतिम महीना माना जाता है और शास्त्रों में इस महीने का विशेष महत्व है . इस महीने में भजन, पूजा और दान के साथ-साथ दीपदान का विशेष महत्व माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि मां लक्ष्मी के बिना इस दुनिया की कल्पना नहीं की जा सकती, इसलिए कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) में मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए विशेष उपाय बताए गए हैं. चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.

यह भी पढ़ें: Happy Constitution Day 2023 Wishes: संविधान दिवस पर सभी को भेजें शुभकामनाएं, समझे इस दिन का महत्व

कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान करने के होते हैं 5 फायदे (Kartik Purnima 2023 Deepdan)

संकट से मुक्ति: नदियों या तालाबों आदि स्थानों पर दीपकदान करने से सभी प्रकार के कष्ट समाप्त होते हैं और अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है. दीपकदान करने से व्यक्ति को यम, शनि, राहु और केतु के बुरे प्रभावों से मुक्ति मिलती है.

कर्ज से मुक्ति: दीपकदान करने से जातक को कर्ज से भी मुक्ति मिल सकती है.

मिटता है पुर्नजन्म का कष्ट: शाम के समय, कार्तिकी को इस मंत्र का जाप करते हुए, नदी में एक दीपक प्रवाहित करें, ‘कीटाः पतंगा मशकाश्च वृक्षे जले स्थले ये विचरन्ति जीवाः, दृष्ट्वा प्रदीपं नहि जन्मभागिनस्ते मुक्तरूपा हि भवति तत्र’ . ऐसा माना जाता है कि दीपकदान करने से पुनर्जन्म की परेशानी समाप्त हो जाती है.

गंगा पर दीप जलाएं: इस दिन गंगा तट पर स्नान कर दीपक जलाएं, दीप जलाकर किसी भी मनोकामना की कामना देवताओं से करें. दीपदान किसी भी शुभ कार्य या पूजा की सफलता के लिए किया जाता है.

धन और समृद्धि में वृद्धि: लोग घर में धन और समृद्धि बनाए रखने के लिए दीपकदान करते हैं. लोग देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और आशीर्वाद पाने के लिए दीपकदान करते हैं.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.

यह भी पढ़ें: 26/11 Mumbai Attack: 15 साल पहले कैसे सहमी थी मुंबई? जानें उस दिन की पूरी दास्तां