हिंदू धर्म और ज्योतिष में शनि देव को खास स्थान प्राप्त है और आमतौर पर इनके प्रति लोगों के मन में डर का भाव रहता है. शनि देव की बहन भद्रा को लेकर भी ऐसी ही स्थिति है और इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रहने वाला है.
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जानें रक्षा बंधन पर भ्रदा काल का समय
हिंदू धर्म में रक्षाबंधन का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन इस साल इस त्योहार पर भद्रा काल का साया रहेगा. भद्रा काल को शुभ नहीं माना जाता है. भद्रा काल में ना तो राखी बांधी जाती है और ना ही पूजा-पाठ, नए काम, गृह प्रवेश, मुंडन आदि शुभ काम किए जाते हैं. भद्रा काल में किए गए शुभ काम भी अशुभ फल देते हैं इसलिए भद्रा काल से बचना ही बेहतर होता है.शनि जैसी ही खतरनाक हैं उनकी बहन.
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ये है भद्रा से जुड़ी मान्यता
भद्रा सूर्य देव और उनकी पत्नी छाया की पुत्री हैं. साथ ही शनि देव की सगी बहन हैं. जिस तरह शनि देव का स्वभाव सख्त और जल्द नाराज होने वाला है, वैसे ही उनकी बहन भद्रा भी बहुत सख्त स्वभाव की हैं. पौराणिक कथाओं के मुताबिक भद्रा बेहद कुरूप हैं और बचपन से ही वे ऋषि-मुनियों के यज्ञ-अनुष्ठानों में बाधाएं डालने का काम करने लगी थीं. तब सूर्य देव ने चिंतित होकर ब्रह्मा जी से सलाह मांगी. तब ब्रह्मा जी ने भद्रा की उद्दंडता को काबू करने के लिए पंचांग के एक प्रमुख अंग विष्टी कारण में जगह दे दी.
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साथ ही कहा कि अब जो भी तुम्हारे समय में कोई शुभ काम करे तो तुम उस काम में विध्न डालना. तब से ही भद्रा काल में कोई शुभ काम नहीं किया जाता है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.